प्ली बर्गेनिंग विषय पर किया गया विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन।
लखीसराय।मंडल कारा लखीसराय में रविवार को जिला एवं सत्र न्यायधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार अध्यक्ष सुश्री शिल्पि सोनी राज एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव संजय कुमार चतुर्थ के निर्देशानुसार प्ली बर्गेनिंग विषय पर एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया । जिसमें जेल विजिटर अधिवक्क्ता बासुकी नन्दन सिंह ,वरीय अधीवक्ता कुमारी बबिता,पैनल अधिवक्ता मोनीका साहनी,सहायक जेलर मुकुंद माधव,पी एल भी अजय कुमार,जयप्रकाश सिंह सहित सैकडों की संख्या मे कैदी मौजूद रहे। इस दौरान बासुकी नंदन ने बताया की सी आर पी सी 1973 के अध्याय् 21A को शामिल किया गया है जो 5जुलाई 2006 से प्रभाव में आया। प्ली बार्गनिंग समझौते का एक् तरीका है जिसके अन्तगत् अभियुक्त को सजा के बद्ले में किये गये अपराध को स्वीकार करके पीड़ित व्यक्ति को हुए नुकसान और मुक़दमे के खर्च की क्षतिपूर्ति करके कठोर सजा से बच सकते हैं। मोनिका सहनी ने बताया कि
सात वर्ष से कम की सजा के प्रावधान मे प्ली बर्गेनिंग का लाभ मिलता है।इसमें पीड़ित व्यक्ति शपथ पत्र के साथ आवेदन सम्बन्धित अदालत में जहां उनका मुकदमा लंबित है तथा स्वेच्छा से आवेदन देना होता है।
कुमारी बबिता ने बताया की प्ली बर्गेनिंग का लाभ केवल एक बार ही लिया जा सकता है।सी आर पी सी की धारा 265Aसे 265L तक् इसके अतंर्गत आता है। जिसमे दोनों पक्षों की रजामंदी होना जरूरी है तथा पीड़िता को क्षतिपूर्ति देकर सजा से बचा जा सकता है। उपस्थित कैदियों को बताया गया की किसी महिला और चौदह साल से कम उम्र के बच्चे एवं देश के विरुद्ध सामाजिक, आर्थिक सम्बन्धित किये अपराध मे प्ली बर्गेनिंग लागू नहीं होता है।अंत में सहायक जेल उपाधीक्षक मुकुंद माधव ने धन्यवाद ज्ञापन किया ।