हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वाधान में कवि गोष्ठी एवं परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित।
लखीसराय जिला मुख्यालय स्थित प्रभात चौक के होटल भारती सभागार में रविवार को जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वाधान में कवि गोष्ठी एवं परिचर्चा राजेश्वरी प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसका संचालन देवेंद्र सिंह आजाद ने किया। मौके पर सभी कवियों ने अपने-अपने कविता के माध्यम से समाज की विभिन्न आयामों का दर्शन कराए। कवि रोहित कुमार ने नव मानव का निर्माण कर, प्रकृति का सम्मान कर । जीवन पासवान की रचना- जो नेता दल बदल बदल कर बनाते रहे सरकार ,वही नेता आज बन गए समूह के नीति कार। भगवान राय का, फूल तोड़ो पत्थर तोड़ो कमर सजा लो चलो देवघर की ओर। धनेश्वर पंडित का तिरंगा गीत। भोला पंडित का गोरी के भींगल बदनमा। राजकुमार की कविता निशि की तम में छल छल छलकी जल। धरती को कर गई सजल। देवेंद्र आजाद का मचा रहा है मणिपुर में हाहाकार । राजेश्वर प्रसाद सिंह की कविता कोई जगह नहीं जो कोई है सुरक्षित औरत देश का मांग रही है जहर । सुमंत पांडेय की कविता मणिपुर बोल रहा हूं और कब बोलोगे आग लग चुकी है। सिराज कादरी का हर मर्ज का इलाज है बहम छोड़कर ,हर शख्स लाजवाब है अहम छोड़कर ।अरविंद कुमार भारती की कविता भ्रष्टाचार था कल,आज शिष्टाचार है । व्यभिचार था कल आज सद व्यवहार है। धन्यवाद ज्ञापन जिला के संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती के द्वारा की गई। नवल कंठ पत्रिका के प्रकाशन पर भी चर्चा की गई। इस दौरान सभी कवियों और साहित्यकारों से रचनाओं की मांग की गई है ताकि ससमय अगस्त में पत्रिका का प्रकाशित किया जा सके।