Thursday, December 26, 2024
dharamSamastipur

dalsinghsarai;श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है : माध्वाचार्य

dalsinghsarai : शहर के लोकनाथपुर स्थित मुरली मनोहर ठाकुवारी में चल रहे साथ दिवसी श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य जी महाराज के कृपा पात्र शिष्य ,युवा कथावाचक माध्वाचार्य महाराज ने भक्तों को भगवान वामन अवतार व समुद्र मंथन का प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य के कई जन्मों के पापों का क्षय हो जाता है।

हमें भागवत कथा सुनने के साथ साथ उसकी शिक्षाओं पर भी अमल करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अंहकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता और यह धन संपदा क्षण भंगुर होती है। इसलिए इस जीवन में परोपकार करों।

 

उन्होंने बताया कि अहंकार, गर्व, घृणा और ईषर्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है। ईषालु व्यक्ति अपने जीवन में कभी तरक्की नहीं कर सकता। ऐसे व्यक्तियों को भगवान सूर्य, वायु, नदियों, बादलों व वृक्षों इत्यादि से प्रेरणा लेनी चाहिए। भगवान सूर्य बिना किसी भेदभाव के सृष्टि के सभी प्राणियों को अपना प्रकाश देते हैं। वायु सभी जीवों में प्राणों का संचार करती है। बादल परोपकार के लिए गरजते हुए वर्षा करते है, नदियां किसी से नहीं पूछती कि तुम मेरा जल क्यों पीते हो और वृक्ष भी किसी व्यक्ति से यह नहीं पूछते कि तुम मेरे फल क्यों तोड़ते हो, लेकिन स्वार्थी मानव इष्र्यालु होता जा रहा है।

 

यदि अपना उद्धार करना चाहते हो तो परोपकार में अपना जीवन लगाओ, जिससे तुम्हारा कल्याण होगा। कथा अयोजन को लेकर मुख्य यजमान राम शंकर झा , कार्यकर्ता गंगा नारायण झा, राधेश्याम झा, लक्ष्मी कांत झा, सीताराम जी, चंदन कुमार झा कुंदन कुमार झा ,अजय कुमार झा, विजय कुमार झा, और समस्त ग्रामवासी क्षेत्रवासी तन मन धन से इस कथा में सहयोग कर रहे हैं ।

Kunal Gupta
error: Content is protected !!