Samastipur;खेत में मिली मां दुर्गा की प्राचीन प्रतिमा, दर्शन करने लगी लोगों की भीड़
Samastipur;हसनपुर प्रखंड क्षेत्र के औरा गांव के एक खेत से दो भुजा वाली महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की चिकनी मिट्टी की मूर्ति मिली। मूर्ति डेढ़ फीट ऊंची लाल रबेदार (बालू मिट्टी से बनी) की है। देखते ही देखते वहां भीड़ जुट गई।
पूजा -अर्चना शुरू हो गई। बताया गया कि मगंलवार के गांव के पांडव कुमार पासवान खेत में पहुंचा। जहां उसके पैर में एक नुकीला मोटा तार चुभ गया। किसी सांप द्वारा डंक मारने की आशंका पर उसने पैर के नीचे देखा। सबसे पहले एक शेर का मुंह दिखाई पड़ा। जब उसने लकड़ी के डंडे से खोदाई की तो शेर पर सवार दो भुजा वाली महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा की प्रतिमा को देखा। इसके बाद शोर मचाने लगा।
हनुमान मंदिर में किया स्थापित
वहां जुटे लोगों ने खोदाई कर मूर्ति को बाहर निकाला। लोग भजन -कीर्तन करते बगल के हनुमान मंदिर परिसर के पास प्रतिमा को स्थापित कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही पटसा, मधेपुर, डुमरा, देवड़ा, काले, चंदरपुर, महुआ, कोकनी, करसौली आदि गांवों के लोगों की भीड़ जुट गई। चढ़ावे व पूजा के साथ भजन कीर्तन शुरू हो गया।
मां दुर्गे के जयकारे से इलाका गूंजने लगा। मौके पर पहुंचे पटसा गांव के कई पंडितों ने भी प्रतिमा को बारीकी से देखा। बताया कि लाल बलुआई रबेदार चट्टान पर बनी मूर्ति मौर्य कालीन होती है। यह मगध व पटना के आसपास से मिलती है। हसनपुर क्षेत्र में ऐसी प्रतिमा नहीं मिलती है।
भीड़ जुटी
लाल चिकनी मिट्टी की बनी मूर्ति कुछ वर्ष पूर्व भागलपुर जिले के शाहकुंड की पहाड़ी और नाथनगर प्रखंड के मनसर गांव में तालाब की खोदाई के दौरान यक्षिणी की मिली थी। हसनपुर में संभवत: पहली मूर्ति मिली है। दो भुजा वाली इस मूर्ति में दाहिने एक भुजा में खड्ग तथा दूसरे में त्रिशूल है, जो महिषासुर की गर्दन पर वार करते नजर आ रही है।
मूर्ति से स्पष्ट होता है कि यह अन्य प्राचीन मूर्तियों से मेल खाता है। मौके पर परमानंद मंडल, महेश प्रसाद यादव, गोपाल पासवान, बालेश्वर पासवान, राम उदगार मंडल समेत सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।”