Tuesday, December 24, 2024
Patna

29 वर्ष की आयु में 30 बार अपना खून देकर रौशन ने बचाई कई जरुरतमंदों की जिंदगी,किया गया सम्मानित

सासाराम/ 19 जून। कहते हैं जिंदगी देना और लेना ऊपर वाले के हाथ में है। परंतु इस धरती पर भी कुछ ऐसे लोग होते हैं जो कई लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं। उन्हीं में से एक है रोहतास जिला अंतर्गत शिवसागर प्रखंड के सहुआ गांव निवासी 29 वर्षीय रोशन कुमार। 29 वर्ष की आयु में रोशन कुमार ने 30 बार अपना खून देकर कई लोगों की जिंदगी बचाई है जिसमे थैलेसीमिया पीड़ित मरीजों की संख्या सबसे अधिक है। सीवियर थैलेसीमिया पीड़ित मरीजों के लिए प्रतिमाह 1 यूनिट खून की आवश्यकता होती है। ऐसे में रोशन कुमार हर 3 महीने बाद सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में थैलेसीमिया पीड़ित मरीजों के लिए अपना रक्तदान करते हैं और थैलेसीमिया पीड़ित मरीजों को नई जिंदगी प्रदान कर रहे हैं। रोशन कुमार रोहतास जिले में ही नहीं बल्कि जिले के अन्य राज्यों में जरूरतमंद लोगों को अपना खून देकर लोगों की जिंदगी बचा रहे हैं। रोशन कुमार वर्ष 2015 से लगातार सासाराम सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में प्रत्येक वर्ष चार बार अपना रक्तदान करते हैं। उनके इस कार्य के लिए राज्य स्तर पर 3 बार सम्मानित किया जा चुका है।

नागपुर में किया था पहला रक्तदान

रोशन कुमार पेशे से एक मजदूर है और मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। वर्ष 2015 में नागपुर में काम करने के दौरान उनके एक मित्र ने रक्तदान शिविर के बारे में चर्चा किया और रक्तदान करने की बात कही। दोस्त की बातों से प्रेरित होकर रोशन कुमार रक्तदान शिविर में गए और पहली बार रक्तदान किया। उसके बाद से रक्तदान करने का यह सिलसिला शुरू हो गया। रोशन कुमार बताते हैं कि जब से वे रक्तदान कर रहे हैं तब से उनका स्वास्थ्य पहले से काफी बेहतर है और हर समय तरोताजा महसूस करते हैं। हालांकि रक्तदान करने के लिए घर की महिलाएं सहित गांव के लोग मना करते हैं और कहते हैं कि इतना रक्तदान करने से बुढ़ापे के समय दिक्कत आएगी। घर के साथ गांव के लोगों की बातों का परवाह किए बिना रोशन डॉक्टरी सलाह के अनुसार अपना रक्तदान कर रहे हैं।

रक्तदान से जरूरतमंदों को पहुँच रहा लाभ

सासाराम सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक की एमओ डॉ संध्या रंजन ने बताया की सदर अस्पताल का ब्लड बैंक जरूरतमंदों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। खासकर थैलेसीमिया से पीड़ित मरीजों के लिए तो यह संजीवनी साबित हो रहा है। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल ब्लड बैंक में थैलेसीमिया से पीड़ित 10 से 12 ऐसे रेगुलर मरीज है जिन्हें निःशुल्क प्रत्येक माह रक्त मुहैया कराया जा रहा है। रोशन कुमार हर 3 महीने पर थैलेसीमिया पीडित मरीजों के लिए रक्त मुहैया करा रहें है और यह औरों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन सकते हैं। डॉ संध्या ने बताया कि रक्तदान करने से कोई नुकसान नहीं होता है बल्कि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। रक्तदान करके कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है जैसे रोशन कुमार बच्चों के साथ बड़ों की जिंदगी बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील किया कि साल में कम से कम दो या तीन बार रक्तदान जरूर करें।

Kunal Gupta
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