Tuesday, December 24, 2024
Patna

नीरा उत्पादन एवं बिक्री में गया जिला पूरे राज्य में प्रथम स्थान पर,18 लाख लीटर नीरा का किया उत्पादन

गया। नीरा उत्पादन एवं बिक्री में गया जिला ने राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। जिले में अब तक 18 लाख लीटर से अधिक नीरा का उत्पादन एवं 17 लाख लीटर से अधिक नीरा की बिक्री हुई है। गया जिला नीरा उत्पादन में एक अग्रणी जिला है। यहाँ 14 लाख के करीब ताड़ के वृक्ष है। नीरा ताड़ एवं खजूर के पेड़ों से ही एक विशेष प्रक्रिया द्वारा प्राप्त किया जाता है। गया ही नहीं राज्य में ताड़ और खजूर के पेड़ बहुताय में उपलब्ध है।

बिहार में परंपरिक रूप से ताड़ी उतरने का कार्य किया जाता था। किन्तु 2016 की शराबबंदी के बाद शराब के साथ ताड़ी उत्पादन एवं बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। पूर्व में कई समुदाय के लोग इन पेड़ों से ताड़ी उत्पादन कर जीविकोपार्जन करते रहे हैं, इससे अनेकों परिवारों का जीविकोपार्जन प्रभावित हुआ। अतः नीरा को प्रोत्साहित कर राज्य सरकार एक तरफ पूर्व में ताड़ी उत्पादन में लगे परिवारों का जीवकोपार्जन बचाने का प्रयास रही है, वहीं दूसरी ओर लोगों को एक स्वास्थवर्धक पेय उपलब्ध हो सके ऐसा प्रयास किया जा रहा है।

बहुत से लोग इसे ताड़ी ही समझते है, पर ताड़ी से नशा होता है। नीरा नॉन अल्कोहलिक प्राकृतिक पेय है जससे नशा नहीं होता है। यह शरीर को अच्छा पोषण प्रदान करता है। गर्मी एवं लू से रहत भी देता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह मधुमेह रोगियों के लिए भी उपयुक्त है। कोल्ड स्टोरेज चेन मेंटेन रखने से नीरा का शुद्ध रूप बरकरार रहता है।

दक्षिण भारत में नीरा एक लोकप्रिय नेचुरल ड्रिंक है। वहाँ लोग इसे खूब पसंद करते हैं। बिहार में इसे प्रचारित करने की जरूरत है। बहुत से लोग इसे अभी भी ताड़ी ही समझ रहे हैं जबकि ताड़ी नीरा के खमीरीकृत होने से बनता है, जो सामान्यतः धूप एवं गर्मी लगने से अल्कोहलिक हो जाता है। नीरा उत्पादन एवं बिक्री में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि यह खमीरीकृत ना हो। कोल्ड स्टोरेज चेन मेन्टेन करते हुए नीरा को खमीरीकृत होने से बचाया जाता है। जिले में जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम के मार्गदर्शन में जीविका सामुदायिक संगठनो के माध्यम से नीरा उत्पादन एवं बिक्री को सफल बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

जिला परियोजना प्रबंधक जीविका द्वारा बताया कि गया में नीरा पारंपरिक रूप से ताड़ी उत्पादन में लगे लोगों को नीरा उत्पादन हेतु प्रेरित किया जा रहा है। नीरा से सम्बंधित सर्वे एवं प्रशिक्षण के बाद नीराउत्पादक समूहों का निर्माण किया गया है। वर्तमान में 223 अस्थाई एवं 60 स्थाई केंद्रों के माध्यम से नीरा बिक्री की जा रही है। मानपुर, आमस एवं चंदौती में नीरा की आइसक्रीम बनाकर बेचा जा रहा है। बोधगया में नीरा से मिठाई एवं तिलकुट की बिक्री की जा रही है। नीरा का प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है, जिसे विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर और तेजी से करवाया जा रहा है।

Kunal Gupta
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