Education;दादी को गोबर उठाने में होती थी परेशानी,ममता ने कर दिया कमाल,अब जापान जाने की तैयारी
Education;दादी को गोबर उठाने के दौरान परेशान होते देखा तो ममता के मन में विचार आया और उसने गोबर और कचरा संग्रहण का मॉडल बना दिया। अब इस छात्रा ममता चौधरी का चयन जापान यात्रा के लिए हुआ है। चित्तौड़ जिले की एक मात्र छात्रा ममता होगी जिसका जापान यात्रा के लिए चयन हुआ है।
जिले के निम्बाहेड़ा क्षेत्र के पाटनी पब्लिक स्कूल की कक्षा सातवीं (वर्तमान में कक्षा दस) की छात्रा ममता पुत्री घीसालाल चौधरी का चयन भारत सरकार के इन्सपायर अवार्ड मानक के तहत जापान सरकार के सकुरा एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत जापान देश की यात्रा के लिए हुआ है।
ममता ने बताया कि गांव में दादी, परिवारजनों को हाथ से गोबर व अन्य कचरा उठाते देखा था, जिससे उसने बिना हाथों को गंदा किए और सिर पर वजन नहीं उठाने के बारे में सोचा। पिता और परिजनों ने ममता का सहयोग कर आत्मविश्वास भी बढ़ाया। जिससे ममता ने अनुसंधान कर एक मॉडल तैयार कर इंस्पायर अवार्ड मानक में प्रदर्शित किया। जिसके तहत ममता का चयन अब जापान जाने के लिए किया गया है। छात्रा ममता मूलत: अजमेर जिले के केकडी के पास सापला निवासी है, उसके पिता घीसालाल एक सीमेंट फैक्ट्री में मैनेजर के पद पर कार्यरत है।
गौरतलब है कि जापान सरकार द्वारा प्रतिवर्ष भारत सरकार के साथ समन्वय कर विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्रों में नवाचारों को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यार्थियों को परस्पर एक-दूसरे देश में आमंत्रित कर उनको तकनीकी के क्षेत्र में विकास के साथ साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अवसर प्रदान करवाया जाता है।
जिले की एकमात्र छात्रा का हुआ चयन
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) कल्पना शर्मा ने बताया कि इस बार राजस्थान से कुल 13 विद्यार्थियों का चयन जापान यात्रा के लिए हुआ है। जिसमें छात्रा ममता चौधरी चित्तौड़ जिले का एकमात्र प्रातिनिधित्व करेगी। यह दल नवंबर में जापान यात्रा पर जाएगा।
कचरा संग्रहण एवं निपटान(Education)
कचरा: हम प्रतिदिन ढ़ेर सारा कचरा उत्पन्न करते हैं। जो चीज हमारे किसी काम की नहीं होती है उसे कचरा कहते हैं। घर से निकले हुए अपशिष्ट या कूड़े कचरे में सब्जियों और फलों के छिलके, बचा हुआ भोजन, कागज, प्लास्टिक और कई अन्य पदार्थ होते हैं। हमारे घरों और आसपास स्वच्छता रखने के लिए कचरे का सही निपटान जरूरी होता है।
कम्पोस्ट(Education)
कचरे में दो प्रकार के पदार्थ होते हैं: जैव निम्नीकरणीय और जैव अनिम्नीकरणीय। जो पदार्थ सूक्ष्म जीवों द्वारा विगलित हो जाते हैं उन्हें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहते हैं। सजीवों स्रोतों से मिलने वाले अपशिष्ट जैव निम्नीकरणीय होते हैं। ऐसे पदार्थों से कम्पोस्ट बनाया जा सकता है।
किसान अक्सर खेती के अपशिष्ट, पत्तियों, फसलों की डंठलो और गोबर से कम्पोस्ट बनाते हैं। इसके लिए जमीन पर एक गड्ढ़ा खोदा जाता है। इस गड्ढ़े की तली में एक जाली या रेत की एक परत बिछाई जाती है। उसके बाद कचरे की परतें बिछाई जाती हैं। लगभग दो महीने के बाद, कचरा मिट्टी जैसे पदार्थ में बदल जाता है, जिसे कम्पोस्ट कहते हैं। कम्पोस्ट एक बहुत अच्छी खाद का काम करता है, जिससे मिट्टी अधिक उपजाऊ बनती है।
वर्मीकम्पोसट या कृमिकम्पोस्ट: लाल केंचुए कम्पोस्ट बनने की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं। जब केंचुओं की सहायता से कम्पोस्ट बनता है तो इसे वर्मीकम्पोस्ट कहते हैं।
कचरा कम करने के तरीके(Education)
कचरा कम करने के लिए हम कुछ कदम उठा सकते हैं। इसके लिये हमें तीन R के सिद्धांत का पालन करना होगा। इसका मतलब है: कम उपयोग, पुन: उपयोग और पुन:चक्रण।
- कम उपयोग: अक्सर हम कुछ ऐसी चीजें खरीदते हैं जिनका हम बहुत कम इस्तेमाल करते हैं। कई बार हम ऐसी चीज भी खरीदते हैं जिसकी कोई जरूरत न हो। इन बातों पर ध्यान देकर हम चीजों के उपयोग को कम कर सकते हैं।
- पुन: उपयोग: कई पुराने सामानों का हम फिर से उपयोग कर सकते हैं। जैसे; पुराने अखबार से हम किताबों पर जिल्द चढ़ा सकते हैं। जैम और जेली की खाली शीशियों में मसाले और नमक रखे जा सकते हैं। पुराने लिफाफों के ऊपर हम गणित हल करते समय रफ काम कर सकते हैं।
- पुन:चक्रण: कई चीजों के पुन:चक्रण से नये सामान बनाये जा सकते हैं। काँच, अखबार, अलमुनियम, आदि का पुन:चक्रण किया जा सकता है। कुछ खास तरह के प्लास्टिक का भी पुन:चक्रण किया जा सकता है।
गारबेज कलैक्शन क्या होता है? (कचरा संग्रह)
कंप्यूटर साइंस की भाषा में कहा जाए तो गारबेज कलेक्शन एक प्रकार का मेमोरी मैनेजमेंट होता है। यह मेमोरी में अप्रयुक्त वस्तुओं और पॉइंटर्स को स्वचालित रूप से साफ़ करता है, ताकि संसाधनों को फिर से उपयोग करने की अनुमति मिल सके।
कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में बिल्ट-इन कचरा संग्रह होता है, यानी यह खुद व खुद बेकार डाटा को क्लीन करते रहाता है। जबकि अन्य को अप्रयुक्त मेमोरी को प्रबंधित करने के लिए कस्टम फ़ंक्शंस की आवश्यकता होती है।
कचरा संग्रहण का एक बहुत ही सामान्य तरीका है। इस से यह पता लगाया जाता है कि प्रत्येक वस्तु को मेमोरी में स्टोर करने के लिए कितने स्पेस बचे हैं। यदि किसी वस्तु के लिए अशक्त संदर्भ हैं तो उन्हें अनावश्यक (सम्मानित) माना जाता है और स्मृति स्थान खाली करने के लिए हटाया जा सकता है।