सीयूएसबी के शोधार्थी आशुतोष प्रभाकर को मिली PhD की डिग्री
गया।दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय सीयूएसबी के शिक्षक शिक्षा विभाग (डीओटीई) के शोधार्थी आशुतोष प्रभाकर ने पीएचडी(PhD)की डिग्री के लिए आयोजित अपनी अंतिम मौखिक परीक्षा का सफलतापूर्वक बचाव किया है।
आशुतोष ने शीर्षक ‘शिक्षा के हितधारकों के बीच डिजिटल साक्षरता और डिजिटल नागरिकता: बिहार के माध्यमिक विद्यालयों का एक अध्ययन’ पर अपना शोध कार्य डॉ. रवींद्र कुमार, सहायक प्राध्यापक, डीओटीई के मार्गदर्शन में पूरा किया गया है।अपने शोध कार्य में आशुतोष और उनके शोध पर्यवेक्षक डॉ. रविंद्र कुमार ने डिजिटल साक्षरता और डिजिटल नागरिकता की वर्तमान प्रचलित अवधारणाओं पर काम किया गया है। अवधारणाओं पर वैचारिक स्पष्टता के लिए विस्तृत साक्षरता और डिजिटल नागरिकता पर अवधारणा मानचित्र बनाए।आशुतोष ने बिहार राज्य के सभी जिलों से माध्यमिक शिक्षा के लगभग 2000 हितधारकों के नमूना आकार पर शोध किया है। उनके शोध कार्य की गुणवत्ता का अनुमोदन दो बाह्य परीक्षकों के द्वारा किया गया और इनके शोध कार्य को सराहनीय बताया गया है । आशुतोष को सीयूएसबी के स्कूल ऑफ एजुकेशन के डीन प्रो. कौशल किशोर, विभागाध्यक्ष डीओटीई, प्रो. रवि कांत, शिक्षक शिक्षा विभाग के अन्य संकाय सदस्यों और शोधार्थियों ने बधाई दी है।
प्रो. एस. मोनी, शैक्षिक योजना और प्रशासन विभाग, तमिलनाडु शिक्षक शिक्षा विश्वविद्यालय, करप्पक्कम, चेन्नई अंतिम मौखिक परीक्षा के लिए बाहरी परीक्षक थे। समापन टिप्पणी में प्रोफेसर एस मणि ने इस प्रासंगिक विषय पर शोध करने के लिए आशुतोष की सराहना की है।शोध का विषय डिजिटल साक्षरता और डिजिटल नागरिकता पर अध्ययन में विशेष योगदान देता है और एनईपी 2020 की धारणा को पूरा करता है। उन्होंने अनुकरणीय मार्गदर्शन के लिए पर्यवेक्षक डॉ. रवीन्द्र कुमार की भी सराहना की |