मूर्खों को जब आप मंत्री बना देते हैं,तो उनको लगेगा ही एक साइन पर 10 लाख लोगों को नौकरी मिल जाएगी, उनके बाबूजी का राजतंत्र है क्या?
प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की ओर से 10 लाख नौकरी देने की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले 10 सालों में BPSC के काम करने का जो तरीका है उसको ध्यान से समझ जाए, तो BPSC के पास एक साल में 10 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरी देने की क्षमता नहीं है। प्रशांत किशोर ने बीपीएससी की कार्यप्रणाली को समझाते हुए कहा कि अगर सरकार की नियमावली को ठीक मान लिया जाए तो बीपीएससी को 2 लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने में कम से कम 5 साल का समय लगेगा और नियोजित शिक्षकों के पास केवल 3 अवसर है। ये सीधे-सीधे लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है। अगर 4-4 लाख लोग 3 बार परीक्षा देने जाएंगे तो 12 लाख लोगों की परीक्षा लेगा कौन ? कहा कि जब मूर्ख व्यक्ति को नेता या मंत्री बना देंगे तो वो यही काम करेगा। तेजस्वी यादव ने चुनाव में 10 लाख नौकरी देने का वादा किया और कहा कि पहली कैबिनेट में एक साइन करेंगे और आपको नौकरी मिल जाएगी। ये दिखाता है कि आप कितने बड़े अज्ञानी हैं।
किसी कैबिनेट के पास ये अधिकार ही नहीं है कि एक साइन पर नौकरी मिल जाएगी। ये उनके बाबूजी का राजतंत्र नहीं है जो एक साइन पर नौकरी मिल जाएगी। कैबिनेट ये निर्णय कर सकती है कि कितने पद निकलेंगे, किस विभाग में निकलेंगे, कैबिनेट नौकरी नहीं दे सकती है। ये दिखाता है कि उनको किसी विषय का कोई ज्ञान ही नहीं है।यादा नौकरी बीपीएससी नहीं दे सकती है। अगर नियमावली को ठीक मान लिया जाएं तो बीपीएससी को 2 लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने में कम से कम 5 साल का समय लगेगा। और नियोजित शिक्षकों के पास केवल 3 अवसर है। ये सीधा-सीधा लोगों को मूर्ख बनाया जा रहा है।
अगर 4-4 लाख लोग 3 बार परीक्षा देने जाएंगे तो 12 लाख लोगों की परीक्षा लेगा कौन? जब मूर्ख व्यक्ति को नेता बना देंगे तो वो यही काम करेगा। तेजस्वी यादव चुनाव में आएं और 10 लाख नौकरी देने का वादा किया और कहा कि 1 साइन करेंगे और आपको नौकरी मिल जाएगी। ये दिखाता है कि आप कितने बड़े अज्ञानी हैं। किसी कैबिनेट के पास ये अधिकार नहीं है कि 1 साइन पर नौकरी मिल जाएगी। ये उनके बाबू जी का राजतंत्र नहीं है जो 1 साइन पर नौकरी मिल जाएगी। कैबिनेट ये निर्णय कर सकती है कि कितने पद निकलेंगे, किस विभाग में निकलेंगे, कैबिनेट नौकरी नहीं दे सकती है। ये दिखाता है कि तेजस्वी को किसी विषय का कोई ज्ञान ही नहीं है।