Sunday, November 24, 2024
Patna

आगामी एमडीए अभियान के लिए रणनीति बनाने के लिए राज्य स्तरीय टीओटी का हुआ आयोजन

पटना: “ जहाँ भी फ़ाइलेरिया के मरीज पाए जाते हैं वहां पर सघन निगरानी एवं नियमित अनुश्रवण की जरुरत है. हाइड्रोसिल के मरीजों की लाइन लिस्टिंग जरुरी है ताकि हमलोग मिशन मोड में हाइड्रोसिल के मरीजों की सर्जरी कर सकें. लाइन लिस्टिंग जिला एवं प्रखंड स्तर पर हो ताकि ऐसे मरीजों को चिन्हित कर उनकी सर्जरी की जा सके. पिछली बार के मुकाबले इस बार फ़रवरी के राउंड में हमारा एमडीए कवरेज बेहतर हुआ है. जहाँ मरीज ज्यादा पाए जाते हैं वहां अधिक मानव बल की व्यवस्था की जाये”, उक्त बातें सचिव स्वास्थ्य सह कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार संजय कुमार सिंह ने कही. कार्यपालक निदेशक आगामी एमडीए कार्यक्रम के लिए रणनीति तैयार करने के लिए राज्यस्तरीय टीओटी का उद्घाटन करते समय कही.

एमडीए की सफलता के लिए अन्तर्विभागीय सहयोग जरुरी:
सचिव स्वास्थ्य सह कार्यपालक निदेशक ने बताया कि एमडीए राउंड में दवा सेवन सुनिश्चित करने के लिए प्रखंड स्तर तक मजबूत मॉनिटरिंग की जरुरत है. उन्होंने बताया कि एमडीए-राउंड की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है. फाइलेरिया के उपचार की तुलना में इसकी रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है. एमडीए के जरिए ही फाइलेरिया की रोकथाम एवं उन्मूलन संभव है.
दवा सेवन सुनिश्चित कराने के लिए विशेष रणनीति पर जोर:
बैठक के दौरान फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि एमडीए की सफलता के लिए सूक्ष्म कार्य-योजना एवं मॉनिटरिंग एवं सपोर्टिव सुपरविजन पर विशेष बल दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य के 14 जिलों अररिया, भोजपुर, बक्सर, किशनगंज, मधेपुरा, मधुबनी, पटना, पुर्णिया, रोहतास, समस्तीपुर, लखीसराय, दरभंगा, नालंदा एवं नवादा में 10 अगस्त से एमडीए अभियान चलाया जायेगा.
फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लिए 2027 तक का है लक्ष्य:
डॉ. वाई .पाठक, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, आशा सेल ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने वर्ष 2027 तक लक्ष्य निर्धारित किया है. प्रखंड स्तरीय नीति के अंतर्गत सभी प्रखंडों में आशा कार्यकर्ताओं का उन्मुखीकरण, उनके साथ नियमित बैठक एवं प्रखंड स्तरीय स्वास्थ्यकर्मियों का आशाकर्मियों में सामंजस्य होना आवश्यक है.
हर प्रखंड से लिए जायेंगे 300 स्लाइड:
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एनटीडी स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि प्रखंड स्तरीय नीति बनाने से ज्यादा से ज्यादा लक्षित आबादी को दवा खिलाने में सफलता मिलेगी. इसके लिए आवश्यक है कि पिछले एमडीए अभियान एवं नाईट ब्लड सर्वे का आंकलन कर रणनीति बनायीं जाये और सभी एकजुट होकर उसपर काम करें. नाईट ब्लड सर्वे के दौरान हर प्रखंड में दो साईट होंगे, एक सेंटिनल एवं एक रैंडम साईट. हर प्रखंड से 300 सैंपल इकठ्ठा किये जायेंगे.
इस दौरान राज्य द्वारा सभी जिलों के एनसीडी पदाधिकारीयों तथा सभी सहयोगी विभागों के प्रतिनिधियों को पिछले एमडीए अभियान के दौरान बेहतर काम करने ले लिए मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.
सभी सहयोगी संस्थानों ने रखी अपनी बात:
एमडीए राउंड में सहयोग कर रहे सभी विभागों की भूमिकाओं पर विस्तार से चर्चा हुयी. साथ ही सहयोगी संस्थाओं में शामिल विश्व स्वास्थ्य संगठन, केयर इण्डिया, पीसीआई, जीएचएस एवं सीफ़ार ने एमडीए में अपने योगदान पर विस्तार से जानकारी दिया.
इस दौरान अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम डॉ अशोक कुमार, फाइलेरिया के राज्य सलाहकार डॉ. अनुज सिंह रावत एवं स्टेट फाइलेरिया ऑफिस से प्रभात, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से अमोल पाटिल, एनवीबीडीसीपी के पूर्व पदाधिकारी वी.के.रैना, पीसीआई के रणपाल, केयर इण्डिया से टीम लीड विकास सिन्हा एवं स्टेट प्रोग्राम मेनेजर बासब रूज, जी एच एस से अनुज घोष, सीफ़ार से रणविजय कुमार सहित सभी जिलों के अधिकारी उपस्थित थे.

Kunal Gupta
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