SDO कुमार रविंद्र बने निक्षय मित्र,32 मरीजों को लिया गोद
मोतिहारी, 18 मई। पकड़ीदयाल के अनुमंडलाधिकारी कुमार रविन्द्र ने निक्षय मित्र बनकर एक बेहतरीन सामाजिक चेतना का बिगुल फूंका है। इसी के तहत उन्होंने 32 टीबी मरीजों को गोद लिया है। अनुमंडलाधिकारी ने कहा कि निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों के सहयोग करने की ठानी है। उन्होंने बताया कि टीबी से ग्रसित होने पर मरीजों की सेहत बिगड़ जाती है। ऐसे में उन्हें दवाओं के साथ पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। वहीँ आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण टीबी मरीज खाने- पीने में पोषक आहार नहीं ले पाते हैं। जिससे उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी की वजह से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। उन्हीं पोषण की जरूरतों को पूरा करने में सहयोग के लिए उन्होंने निक्षय मित्र बनने का निश्चय किया है। उन्होंने बताया कि जिले के रेडक्रॉस के चैयरमैन विभूति नारायण सिंह, जिला टीबी अस्पताल के कॉर्डिनेटर ललित कुमार के द्वारा जानकारी मिली कि प्रधानमंत्री निक्षय मित्र योजना के तहत जुड़कर टीबी मरीजों को गोद लेकर सहयोग किया जा सकता है। इसी के मद्देनजर मैंने भी प्रशाशनिक टीम के माध्यम से अनुमंडल क्षेत्र के चयनित 32 टीबी मरीजों का चयन किया व उन्हें गोद लेकर पोषण संबंधित सहयोग किया है।
अनुमंडल के सभी 130 टीबी मरीजों को गोद लेकर पौष्टिक पोषाहार का वितरण शुरू-
जिला यक्ष्मा केंद्र के कॉर्डिनेटर ललित कुमार ने बताया कि अनुमंडलीय पदाधिकारी के द्वारा मरीजों के पोषण संबंधित सुधार हेतु सरकार द्वारा निर्धारित सामग्री का वितरण किया गया है। ताकि टीबी मरीजों की सेहत में सुधार हो सके। उन्होंने बताया कि पूर्व में मधुबन विधायक राणा रंजीत सिंह के द्वारा भी टीबी मरीजों को पोषण की पोटली उपलब्ध कराई गई थी। प्रधानमंत्री निक्षय मित्र योजना के तहत अनुमंडल के सभी 130 टीबी मरीजों को गोद लेकर पौष्टिक पोषाहार का वितरण अनुमंडल में शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि निक्षय मित्रों द्वारा टीबी मरीजों को अगले छह महीने तक लगातार फूड बास्केट उपलब्ध करायी जाएगी।
निक्षय पोषण योजना के तहत सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है-
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ रंजीत राय ने बताया कि सरकार के द्वारा टीबी मरीजों के लिए मुफ्त जांच, इलाज और दवाइयों के साथ सही पोषण के लिए निक्षय पोषण योजना के तहत प्रत्येक महीने 500 रुपया की सहायता राशि टीबी मरीजों के बैंक खातों में भेजी जाती है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि टीबी मरीजों की मदद के लिए निक्षयमित्र की भूमिका निभाएं औऱ मानवता की सेवा के लिए आगे आएं।