Sunday, November 24, 2024
Samastipur

जिले में फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को बांटी जाएगी एमएमडीपी किट

 

विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया 400 एमएमडीपी किट
सासाराम/5 मई। फाइलेरिया यानी हाथीपांव एक लाइलाज बीमारी है। एक बार किसी को हो जाए तो यह बीमारी ठीक नहीं हो सकता। ऐसे में जरूरत है थोड़ी सी सावधानी बरतने की। इसके लिए सरकार प्रत्येक वर्ष नाइट ब्लड सर्वे के माध्यम से फाईलेरिया की जांच कर एमडीए अभियान चलाती है, ताकि फाइलेरिया बीमारी को रोका जा सके। साथ ही फाइलेरिया से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज कराया जाए जिससे फाईलेरिया पीड़ित लोगों को राहत मिल सके। इसके लिए सरकार निशुल्क परामर्श के साथ-साथ निशुल्क एमएमडीपी किट उपलब्ध कराती है जो फाईलेरिया विभाग द्वारा लोगों को मुहैया कराई जाती है। रोहतास जिले में विभिन्न प्रखंडों में 1000 के आसपास हाथीपांव (फाईलेरिया) पीड़ित मरीज मौजूद है। हाथीपांव से पीड़ित लोगों के लिए विभाग द्वारा एमएमडीपी किट उपलब्ध करा दी गई है। रोहतास जिला फाइलेरिया विभाग द्वारा विभिन्न प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों को फाइलेरिया किट वितरित किया जा रहा है। जिला फाइलेरिया विभाग से मिली जानकारी के अनुसार रोहतास जिला फाइलेरिया विभाग को 400 किट उपलब्ध कराया गया है। प्रत्येक प्रखंड को लगभग 20-20 किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
प्रखंड स्तर पर किट का किया जाएगा वितरण
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी जेपी गौतम ने बताया कि जिले में एक हजार के आसपास हाथीपांव के मरीज है। जिनके हाथ-पैर में सूजन आ गई है या फिर उनके फाइलेरिया ग्रसित अंगों से पानी का रिसाव होता है। इस स्थिति में प्रभावित अंगों की सफाई रखना बेहद जरूरी होती है। ऐसे मरीजों को किट दी जा रही है। किट में प्रभावित अंगों की अच्छी तरह से साफ-सफाई को लेकर टब, मग, तौलिया, साबुन, गरम पट्टी व जरूरी चीजें दी जा रही हैं। उन्होंने बताया की किट की उपलब्धा के अनुसार जिले के सभी प्रखंडों को वितरित किया जा रहा है।
फाइलेरिया का नही है ईलाज, बरते सावधानी
जेपी गौतम ने बताया कि फाइलेरिया लाईलाज बीमारी है। इस रोग का लक्षण 10 से 12 वर्ष के बाद दिखाई देता है। ऐसे में इस बीमारी से बचाव के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। उन्होंने बताया की इस बीमारी की पहचान रात्रि में लिए गए ब्लड सैंपल के माध्यम से होता है। इस बीमारी से बचाव के उन्होंने बताया की इस बीमारी से बचाव और रोकथाम के लिए अगस्त में एमडीए अभियान चलाया जाएगा, इसके पूर्व नाइट ब्लड सर्वे अभियान चलाया जाएगा जिसमे ब्लड जांच कर फाइलेरिया की पहचान की जाएगी। उन्होंने कहा की नाईट ब्लड के दौरान सभी लोग अपने ब्लड का जांच कराए ताकि इस बीमारी से बचा जा सके।

Kunal Gupta
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