समस्तीपुर; दिवंगत पूर्व मुखिया की पत्नी बनी मुखिया: पूर्व मुखिया की गोली मार हुई थी हत्या
समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर के बहुचर्चित सुरेंद्र प्रसाद सिंह डबल मर्डर कांड आज पुनः चर्चा में है। सुरेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी ममता देवी पंचायत उप चुनाव में भारी मतों से मुखिया के रूप में चुन ली गई। चुनाव जीतने के बाद ममता ने कहा आज उनके पति की आत्मा को शांति मिली होगी। जीत के बाद स्वर्गीय सुरेंद्र की बेटी और पुत्र उनकी तस्वीर लेकर गमगीन नजर आए।
उपचुनाव में क्या हुआ
सिंघिया बुजुर्ग दक्षिण पंचायत के मुखिया पद के लिए पूर्व मुखिया दिवंगत सुरेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी ममता देवी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी ऋतु कुमारी को 1390 मतों से पराजित कर जीत हासिल की। जबकि पूर्व मुखिया रानी देवी को 338 मत मिला। निर्वाचित पदाधिकारी सह बीडीओ चंद्रमोहन पासवान ने बताया कि सभी जीते प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र दिया गया है।
चुनाव के बाद समर्थकों में था उत्साह
सभी जगह के परिणाम घोषित होने के बाद जीत प्रत्याशी के समर्थकों में काफी उत्साह था। पूर्व मुखिया दिवंगत सुरेंद्र प्रसाद सिंह की पत्नी ममता देवी के भारी बहुमत से जीत होने के बाद समर्थकों में काफी उत्साह था। जीत के बाद ममता देवी ने कहा अपने पति के अधूरे सपनों को पूरा करेंगे। नव निर्वाचित मुखिया ममता देवी के साथ पुत्री डॉ निधि उर्फ मोनू, पुत्र सुमित उर्फ सोनू साथ चल रहे थे। इनके पीछे काफी संख्या में समर्थक थे।
जीत के बाद पुलिस ने मुखिया को घर तक पहुंचाया
मुखिया पद पर ममता देवी की जीत के बाद समर्थकों के साथ चल रहे ममता देवी, पुत्र, पुत्री एवं समर्थकों के साथ पुलिस वालों ने उनके घर तक पहुंचाया।
20 फरवरी को पूर्व मुखिया दिवंगत सुरेंद्र प्रसाद सिंह एवं उनके सहयोगी को गोली मारकर कर दी गई थी हत्या
गत 20 फरवरी की पूर्व मुखिया सुरेंद्र प्रसाद सिंह एवं उनके सहयोगी सत्यनारायण महतो उर्फ मंत्री जी को पूर्व से घात लगाए बैठे अपाचे बाइक सवार अपराधियों ने महना मडिया गांव के सीमावर्ती बचनी कचहरी ब्रह्म स्थान के समीप तीनवटिया पीपल पेड़ के नीचे गोली मारकर हत्या कर दी थी।
हत्या मामले में विभूतिपुर के पूर्व विधायक और उनका भाई है जेल में
यहां बता दें कि सुरेंद्र प्रसाद सिंह और उनके सहयोगी की हत्या मामले में विभूतिपुर के पूर्व विधायक रामबालक सिंह और उनके भाई लालबाबू सिंह इन दिनों जेल में है। इस हत्याकांड के बाद जांच में यह बात सामने आई थी कि पंचायत चुनाव की राजनीति को लेकर ही सुरेंद्र प्रसाद सिंह की हत्या की गई थी। साथ ही विधायक का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। पहले पुलिस ने पूर्व विधायक के भाई को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। जबकि बाद में विधायक को छपरा स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था।