Sunday, November 24, 2024
Patna

भारत-पाकिस्तान पर नहीं,अपने बच्चों के शरीर पर कपड़ा और पैरों में चप्पल नहीं होने के नाम पर वोट दीजिए:प्रशांत

जन सुराज पदयात्रा के 222वें दिन की शुरुआत वैशाली जिले के जंदाहा प्रखंड अंतर्गत महिसौर पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से प्रशांत किशोर 2 अक्तूबर 2022 से लगातार बिहार के गांवों का दौरा कर रहे हैं। उनकी पदयात्रा अबतक लगभग 2500 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली होते हुए आज समस्तीपुर जिले पहुंचेंगी।

*भारत-पाकिस्तान पर नहीं, अपने बच्चों के शरीर पर कपड़ा और पैरों में चप्पल नहीं होने के नाम पर वोट दीजिए: प्रशांत किशोर*

जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हम पैदल चल रहे हैं और सामने से कुछ बच्चे दौड़ते हुए दिखाई देते हैं। ज्यादातर बच्चों के शरीर पर ना सही कपड़ा और ना ही पैरों में चप्पल है। आपके जवान बच्चे पढ़-लिखकर बेरोजगार बैठे हैं और दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी कर रहें हैं। लेकिन बिहार की जनता को अपने बच्चों की चिंता नहीं है। जनता तो सिर्फ जाति और धर्म में उलझी हुई है। कभी भारत-पाकिस्तान तो कभी पुलवामा के नाम पर वोट देते हैं। जब आप अपने बच्चों का सोचकर वोट नहीं देते हैं तो दुर्दशा भी आपके ही बच्चों की होगी। यही बात हम समझा रहे हैं, घर-घर जाकर हाथ जोड़ रहे हैं वोट चाहे जिसको देना है दीजिए लेकिन एक बार अपने जीवन में संकल्प लीजिए कि वोट अपने बच्चों के नाम पर देंगे। नेता आकर कहते है कि समाज और जाति के लिए वोट दीजिए लेकिन हम आपको यह बता रहे हैं कि एक बार जीवन में वोट देते समय स्वार्थी बनिए अपना और अपने बच्चों का स्वार्थ देखिए, नहीं तो बिहार की इस बदहाली को कोई नहीं बदल सकता है।

*हम जिसके लिए नारा लिखते हैं वो नेता जीत जाता है, ‘जय बिहार’ का नारा लगाकर बिहार की जनता को जिताना है: प्रशांत किशोर*

जन सुराज पदयात्रा के दौरान वैशाली में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हम एक नारा लगाएंगे, ‘जय बिहार…..जय जय बिहार’। हमारे बारे में लोग कहते हैं कि हम जिस नेता के लिए नारे लगाते हैं वो चुनाव जीत जाता है। आप सोच रहे होंगे हम जय बिहार का नारा क्यों लगवा रहे है? ये नारा हम गांव-गांव में इसलिए लगवा रहे हैं क्योंकि बिहार के लोगों का आत्मसम्मान मर गया है। हमारे बच्चें जब बाहर जाते हैं पढ़ने के लिए, मजदूरी और नौकरी करने के लिए तो बिहार के लोगों को बिहारी कह कर बुलाया जाता है। उनको लगता है, बिहारी मतलब बेवकूफ, मूर्ख! क्या हम सब मूर्ख हैं? नहीं! बिहार की जनता बेवकूफ नहीं है। यहां के नेताओं ने हम लोगों को मूर्ख बना कर रखा हुआ है। बिहार की भूमि ज्ञान की भूमि रही है। बिहार में आकर देवताओं को भी ज्ञान मिला है। ये वो जमीन है जहां हमारे पूर्वजों ने ऐसी व्यवस्था बनाई थी कि पूरी दुनिया से लोग पढ़ने के लिए बिहार आते थे जहां से पूरे भारत की राजनीति चलती थी। आज उस बिहार के बच्चों को पढ़ाई और रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में जलील होना पड़ता है। तो संकल्प लीजिए कि अपने-अपने बच्चों के लिए बेहतर व्यवस्था बनानी है और जनता को जीतना है।

Kunal Gupta
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