दादाजी को मंत्री बना दीजिए’,कांग्रेस विधायक की पोती का राहुल गांधी को इमोशनल लेटर
कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने और मंत्रिमंडल का गठन होने के बाद भी मंत्री पद को लेकर जारी खींचतान कम नहीं हो रही है. अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तुमकुर जिले के सिरा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक टीबी जयचंद्र की पोती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिखकर अपने दादा के लिए एक मंत्री पद की मांग की है. अपनी भावनात्माक पोस्ट में पोती आरना संदीप ने लिखा,’डियर राहुल गांधी, मैं टीबी जयचंद्र की पोती हूं. मेरे दादा मंत्री नहीं बने और इसलिए मैं दुखी हूं. मैं चाहती हूं की वह मंत्री बनें, क्योंकि वह दयालु, काबिल और मेहनती हैं.
29 हजार से ज्यादा वोटों से जीता चुनाव
बता दें कि कर्नाटक के हालिया विधानसभा चुनाव में तुमकुर जिले के सिरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर टीबी जयचंद्र ने जेडीएस के आर उग्रेश को 29,250 वोटों से चुनाव हराया था. जयचंद्र को जहां 86,084 वोट मिले थे तो वहीं आर उग्रेश को मिलने वाले वोटों की संख्या 56,834 थी. वोट प्रतिशत की बात करें तो जयचंद्र को 45.14 फीसदी और आर उग्रेश को 29.8 फीसदी वोट मिले थे. इस सीट पर बीजेपी की तरफ से चुनाव लड़ने वाले सीएम राजेश गौड़ा को 42,329 (22.2 फीसदी) वोट मिले थे और वह तीसरे नंबर पर रहे थे.
दो बार हो चुका है शपथ ग्रहण समारोह
कर्नाटक की नई सिद्धारमैया सरकार में 34 मंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा चुकी है. पहला शपथ ग्रहण 20 मई को हुआ था, जिसमें सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री, डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. पहले शपथ ग्रहण में कुल 10 विधायकों ने शपथ ली थी. इसके बाद 27 मई को दूसरा शपथ ग्रहण कार्यक्रम हुआ, जिसमें 24 विधायकों को शपथ दिलाई गई. इस तरह कुल 34 विधायकों का शपथ ग्रहण हो चुका है.
कई विधायक जता चुके हैं असंतुष्टि
टीबी जयचंद्र अकेले नहीं है, जिनके लिए मंत्री पद की मांग की जा रही है. उनके अलावा कई और विधायक भी अपनी असंतुष्टि साफ तौर पर जाहिर कर चुके हैं. 27 मई को हुए शपथ ग्रहण के दौरान मंत्री पद नहीं मिलने पर कई वरिष्ठ विधायकों का गुस्सा फूट पड़ा था. मंत्रिमंडल में जगह नहीं बना पाने वाले विधायकों के समर्थकों ने राज्यपाल के आवास के बाहर नारेबाजी की थी. नारेबाजी उस वक्त हुई थी, जब अंदर मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ले रहे थे. तब टी बी जयचंद्र के समर्थकों ने भी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के घर के बाहर प्रदर्शन किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि कुंचितिगा समुदाय के साथ ‘गंभीर अन्याय’ हुआ है, क्योंकि उन्हें कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया.