समस्तीपुर सदर अस्पताल में 33 करोड़ की लागत से बन रहा चाइल्ड एंड मेटरनिटी सेंटर,एक साथ 200 जच्चा-बच्चा की होगी ट्रीटमेंट
समस्तीपुर सदर अस्पताल में 33 करोड़ की लागत से 200 बेड की क्षमता वाला चाइल्ड एंड मेटरनिटी सेंटर का निर्माण चल रहा है। पांच मंजिले के बन रहे इस केंद्र में अब तक तीन मंजिल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। यहां रैंप (विकलांग और वृद्ध लोगों के लिए) के साथ एक्सीलेटर का निर्माण चल रहा है। इस केंद्र के बन जाने से यहां एक साथ 200 जच्चा-बच्चा का एक साथ उपचार हो सकेगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के तहत बन रहे मातृ-शिशु अस्पताल के बन जाने से यहां के गंभीर नवजात और उनकी माता को डीएमसीएच या पीएमसीएच जाने की जरूरत खत्म हो जाएगी। समस्तीपुर में ही लोगों को बेहतर से बेहतर सुविधा मिलेगी। इससे खास कर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को राहत मिलेगी।
अभी डिलीवरी के बाद गंभीर मां और बच्चे को डीएमसीएच या पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है। इससे खासकर गरीब तबके के लोगों को परेशानी होती है। निजी क्लीनिक के चार्ज को वह अफोर्ड नहीं कर पाते। निजी क्लीनिक में मरीज आर्थिक दोहन के शिकार हो जाते हैं।
मां और नवजात से जुड़ी सभी सुविधा मिलेगी
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत मातृ शिशु केयर भवन बनाया जाना है। यहां प्रसव के बाद जच्चा और बच्चा की बेहतर देखभाल की जाएगी। करीब 200 बेड का यह अस्पताल सभी सुविधाओं से लैस रहेगा। इसमें मां और नवजात से जुड़ी सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
बता दें कि सदर अस्पताल में हर महीने करीब एक हजार प्रसव होता है। वर्तमान में यहां बेडों की संख्या काफी कम हैं। प्रसव के बाद प्रसूता को 24 से 48 घंटे तथा ऑपरेशन की स्थिति में 72 घंटे तक रुकना पड़ता है। बेड कम होने के कारण मरीजों को परेशानी होगी। गंभीर स्थिति में रेफर किए जाने के बाद पटना-दरभंगा ले जाने के कारण अक्सर रास्ते में जच्चा-बच्चा की मौत की खबर आती रहती है।
नए भवन में क्या-क्या होगी सुविधा
जच्चा और बच्चा को 24 घंटे मेडिकल सुविधा मिलेगी। शिशु रोग विशेषज्ञ और स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती रहेगी। सभी प्रकार की जांच होगी। पर्याप्त बेड की सुविधा, व्यवस्था आधुनिक उपकरण, आईसीयू रहने के कारण रेफर की नौबत कम होगी।
डीएस डॉ गिरीश कुमार ने कहा कि यह केंद्र अगले वर्ष तक बन कर तैयार हो जाएगा। इस केंद्र के बन जाने से जच्चा और बच्चा का उपचार संभव हो सकेगा। पांच मंजिला भवन का निर्माण चल रहा है। अभी तीसरी मंजिल बन रही है। केंद्र में सभी आधुनिक सुविधा होगी।