Success Story;रोजाना करती थीं 10 घंटे से अधिक पढ़ाई, 331 रैंक के साथ IAS बनी वंदना मीणा
Success Story;नई दिल्ली, आशीषा सिंह राजपूत। अमूमन हर मां-बाप का उनके बच्चों के लिए यह सपना होता है कि वे बड़े होकर IAS या IPS अधिकारी बने। UPSC सिविल सेवा की परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत-से छात्र दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं। उनकी आंखों में बस एक सपना होता है कि वह एक दिन UPSC की परीक्षा में सफल होकर IAS अधिकारी बनेंगे।
हर साल UPSC सिविल सेवाओं के लिए इस परीक्षा का आयोजन होता है, जिसमें लाखों युवा बैठते हैं। इस परीक्षा की एक लंबी प्रक्रिया होती है। बहुत कम ही छात्र होते हैं, जो इसे पास कर IAS अधिकारी बन पाते हैं।
इस परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों की एक अलग कहानी कहानीयां होती है, ये अन्य लोगों को भी प्रेरणा देती है। ऐसी ही एक कहानी है वंदना मीणा की, जिनके संघर्ष की कहानी आपको भी प्रेरित करेगी। बता दें कि वंदना मीणा आज एक सफल IAS अधिकारी हैं।
कौन हैं वंदना मीणा
वंदना मीणा राजस्थान की रहने वाली हैं और यहीं से उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की है। आगे की पढ़ाई वंदना ने दिल्ली से की । बता दें कि वंदना के पिता दिल्ली पुलिस में हैं और पिता की दिल्ली में पोस्टिंग होने के कारण उन्होंने दिल्ली रहकर सेंट कोलंबस स्कूल से अपनी पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से मैथ ऑनर्स में स्नातक किया।
सिविल सर्विस में आने का था सपना
वंदना के परिवार में शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई का माहौल रहा है। इस वजह से माता-पिता के साथ वंदना खुद पढ़-लिख कर कुछ अपने जीवन में कुछ अच्छा करना चाहती थीं। उनका सपना था कि आईएएस बनकर जन-कल्याण हित में काम करने का मन था। उनकी इस सोच ने उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया, जिसमें उनके परिवार ने उनका पूरा सहयोग किया।
तैयारी के लिए एक बनाया था शेड्यूल
आईएएस अधिकारी बनने के लिए हर छात्र जमकर पढ़ाई करता है, ठीक वैसे ही वंदना ने भी परीक्षा की तैयारी के दौरान प्रतिदिन 10 घंटे से अधिक पढ़ाई की थीं। उन्होंने अपना एक शेड्यूल बना रखा था, जिसके अनुसार ही वह अपना अपनी पढ़ाई प्लान करती थीं।
331वीं रैंक के साथ बनी IAS अधिकारी
वंदना एक साथ ही प्रीलिम्स और मेंस की परीक्षा पास कर इंटरव्यू तक पहुंची। इंटरव्यू में कमाल करते हुए उन्होंने 331वीं रैंक के साथ परीक्षा पास कर लिया था। वंदना ने अपने सफलता का मूलमंत्र सही रणनीति के साथ तैयारी करने को बताया है। वह साथ ही कहती हैं कि परीक्षा कि तैयारी के दौरान जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव के लिए भी तैयार होना चाहिए।