Success Story: डीएसपी बनी आयुषी के पिता की कोर्ट में बदमाशों ने कर दी गई थी हत्या,तभी ठान लिया करना है कुछ बड़ा
Success Story:मुरादाबाद [मोहसिन पाशा]: डिलारी के पूर्व ब्लाक प्रमुख योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा के परिवार की पहचान अब बेटी आयुषी सिंह से होगी। वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा पास करके डीएसपी बन गई हैं। इस उपलब्धि को वह अपने पिता का सपना बता रही हैं। उनका कहना है कि पिता उसे अधिकारी बनाना चाहते थे। आयुषी की मां पूनम डिलारी की ब्लाक प्रमुख हैं।
आयुषी के पिता भूरा हत्या सहित कई घटनाओं में आरोपी थे। 2015 में एक मुकदमे की पेशी पर जेल से कोर्ट लाए गए। वहां गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भूरा के एक बेटा-एक बेटी है। बेटा आदित्य सिंह आइआइटी दिल्ली से एमटेक कर रहा है, जबकि बेटी ने अधिकारी बनने का सपना पूरा करने के लिए यूपीपीएससी में भाग्य आजमाया।
पिता की हत्या के बाद अधिकारी बनने की ठानी
भूरा का परिवार मूल रूप से भोजपुर के हिमांयुपुर गांव का रहने वाला है। दिल्ली में रह रहीं आयुषी ने फोन पर बताया, “पिता हमेशा अफसर बनने के लिए कहते थे। मैंने उनका सपना पूरा कर दिया। पिता ने हम लोगों की पढ़ाई के लिए आशियाना (मुरादाबाद) में आवास बनवाया था। पिता की हत्या के बाद ही मैंने अधिकारी बनने की ठान ली थी। इसके लिए यूपीपीएससी को चुना”।
इंटरव्यू के बाद हो गया था भराेसा
आयुषी ने मुरादाबाद के केसीएम स्कूल से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट किया। 2019 में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और 2021 में राजनीति विज्ञान विषय में एमए किया। इसी बीच नेट की परीक्षा भी पास कर ली। दो साल यूपीपीसीएस की परीक्षा की तैयारी की। परीक्षा और इंटरव्यू देने के बाद से भी भरोसा हो गया था कि सफलता मिलेगी।
मम्मी, मैं डीएसपी बन गई
शुक्रवार को परिणाम आते ही आयुषी ने मां पूनम को फोन करके बताया, मैं डीएसपी बन गई। बकौल आयुषी मां ने पिता का सपना पूरा करने के लिए धन्यवाद दिया। इसके बाद मेरी अफसर बनने की खुशी हजार गुणा हो गई। हम दो भाई-बहन हैं। मेरी सफलता के पीछे परिवार का बहुत सहयोग रहा है। मेरी माता के साथ साए की तरह रहने वाले परिवार के ही अर्जुन सिंह ने मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
पैर छूकर सुमित ने मारी गोली
योगेंद्र सिंह उर्फ भूरा की हत्या मुरादाबाद के कोर्ट परिसर में सुमित ने 23 फरवरी 2015 को की थी। उसने पेशी पर आए भूरा पैर छूए और गोली मार दी। वकीलों ने उसके दो साथियों को पकड़ लिया था, बाद में सुमित भी गिरफ्तार हो गया। पेशी पर आने के दौरान फरार हो गया। उसे अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है। उस पर एक लाख रुपये का इनाम है। भूरा पर अपने भतीजे रिंकू की भी हत्या का आरोप था। हत्या के समय आयुषी कक्षा 11 में पढ़ रही थी।