Wednesday, November 20, 2024
Samastipur

समस्तीपुर;राजाजान पंचायत में आग लगने से 100 से अधिक घर जल कर राख, डेढ़ करोड़ से अधिक का नुकसान,पशुओं की मौत

समस्तीपुर।थाना क्षेत्र की राजाजान पंचायत के वार्ड संख्या-2 महादलित टोले कासिमचक में गुरुवार की दोपहर लगी आग में 100 से अधिक घर जल कर राख हो गया। इस अगलगी में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए मूल्य से अधिक की संपत्ति के जलने का अनुमान लगाया जा रहा है। खाना बनाने के दौरान एक घर में आग लगी और देखते ही देखते सौ से अधिक घरों को अपने आगोश में ले लिया। चार मोटरसाइकिल, डेढ़ दर्जन से अधिक साइकिल,अनाज,कपड़ा,जेवरात एवं नकद राशि इस अगलगी की भेंट चढ़ गई। इस अगलगी में बीस से अधिक बकरी के झुलसकर मरने की सूचना है। ये सभी महादलित परिवार से आते हैं। अगलगी की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन में बीडीओ ओमप्रकाश, सीओ प्रमोद कुमार रंजन,थानाध्यक्ष गौरव प्रसाद, राजस्व पदाधिकारी हेमंत अंकुर आदि पहुंचे। मोहिउद्दीननगर, पटोरी, विधापतिनगर, सरायरंजन, मोहनपुर एवं जिला मुख्यालय से अग्निशमन दस्ता को बुलाया गया। सभी ने मिलकर काफी कड़ी मशक्कत की। इसके बाद आग पर काबू पाया गया। हालत यह थी कि घटना स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ था।

सीओ प्रमोद कुमार रंजन ने बताया कि अग्निशमन दस्ता के सहयोग से आग पर काबू पा लिया गया है। अब केवल गेहूं के भूसे वगैरह से आग बुझाने का काम किया जा रहा है। किसी भी प्रकार के जान माल की क्षति नहीं हुई है। केवल 20 से अधिक बकरी के जलकर मरने की सूचना मिली है। लगभग डेढ़ करोड़ रुपये मूल्य से अधिक का नुकसान है। घटना स्थल पर विधायक प्रतिनिधि रवीश कुमार,मुखिया प्रतिनिधि रणजीत कुमार तमोली,पंसस मंजू देवी,शिक्षक नेता शैलेन्द्र कुमार सिंह, अंजनी कुमार सिंह, आदि पीड़ित परिवार को मदद पहुंचाने में जुटे हैं। सीओ की ओर से पाॅलिथीन शीट का वितरण किया जा रहा था। रोशनी की व्यवस्था की जा रही थी।

बेबसी : कोई बच्चे को खोजने में ताे काेई माल-मवेशी को बचाने में जुटा रहा

सभी अपने सामान एवं अपन-अपने माल मवेशी को बचाने के चक्कर में जुटे थे। कोई अपने बच्चे को लेकर खोजने में परेशान दिखे। आम लोग इस उमस भरी धूप एवं चल रही पछिया हवा के कारण किकर्तव्यविमुढ़ की स्थिति में थे। दूर-दूर तक आग की लपटें मानो दौड़ रही थी। किसी की भी हिम्मत नहीं हो रही थी कि एक बाल्टी पानी भी डाल सके। केवल देखने के लिए लोगों का तांता लगा था। आग की लपटंे इतनी तेज थी कि कोई घटना स्थल पर टिकना नहीं चाह रहा था। पानी डालना एवं किसी प्रकार की मदद पहुंचाना तो दूर की बात रही। हालांकि कुछ लोगों ने अपना पम्पिंग सेट चलाकर मदद की तो किसी ने जेनरेटर चलाकर मदद पहुंचाई। घटना स्थल का दृश्य इस प्रकार था कि रोगंटे खड़े हो जाया करते थे। लोग अपनी आंखों के सामने अपने-अपने आशियाना को जलते देख रहे थे।

Kunal Gupta
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