Friday, November 15, 2024
Samastipur

समस्तीपुर;फर्जी आधार और वोटर कार्ड रहने वाले अपराधियों को सिम जुड़े रहने वाले गिरोह के 3 बदमाशों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

समस्तीपुर पुलिस ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपराधियों को मोबाइल सिम निर्गत करने वाले व आपूर्ति की आपूर्ति करने वाले गुट का भंडाफोड़ करते हुए तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से कई फर्जी आधार व वोटर कार्ड, कंप्यूटर, प्रिंटर और एक देसी पोर्ट्रेट व दो जिंदा गोली बरामद की है। पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने फर्जी पहचान पत्र के आधार पर कुल 20 मोबाइल सिम निकाले हैं, वास्तव में घटित हुए विभिन्न कांडों में इसका इस्तेमाल किया गया है। पुलिस का दावा है कि वे हथियार की आपूर्ति भी करते थे।

आज के सहयोगी एसपी विनय तिवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम के पूसा थाना क्षेत्र के जगदीशपुर से हिमांशु राय के बेटे मुरेश कुमार निश्चित रूप से एक देसी स्थान व दिघरा ​​से उनके संजय शर्मा के बेटे निशांत बिल्कुल वीरू को दो जिंदा गोली के साथ गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक आर्म्स सप्लायर बता रहे हैं मुरेश कुमार बिल्कुल लक्की ने पुलिस द्वारा पूछताछ में अवैध हथियार और गोली की खरीद-बिक्री में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।

 

साथ ही, उसने बताया कि वह नकली मतदाता पहचान और फर्जी आधार कार्ड तैयार कर अपराधियों को अवैध रूप से मोबाइल से छुपाते काम करते थे। लक्की ने पुलिस को अपने कई साथियों का नाम भी बताया है। पुलिस के मुताबिक लक्की ने बताया है कि जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के परतापुर निवासी अब्दुल समद के बेटे मो0 इसलाम के साथ मिलकर हथियार का कारोबार और फर्जी सिम के लेन-देन करता था और कुछ दिन पूर्व ही मो. इस्लाम ने उसे 15 फर्जी फर्जी दिखावा किया था। जिसे उसके स्थानीय अपराधियों द्वारा उपलब्ध कराया गया।

 

लक्की के अनुसार पूसा थाना क्षेत्र के गढ़िया चौक दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक के नीचे स्थित मनोज के डंके की दुकान से उसने कई बार फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनवाया है। लक्की की ही निशानदेही पर पुलिस टीम ने पूसा थाना क्षेत्र के हरपुर निवासी मधुर राय के बेटे मनोज कुमार ऊ मौंजय को गिरफ्तार किया। उनके पास से निशांत उर्फ ​​वीरू की तस्वीर लगी हुई फर्जी वोटर आईडी कार्ड और रामजी साह के बेटे मंटुन साह के नाम पर तैयार फर्जी आधार कार्ड बरामद किया गया है।

पुलिस के मुताबिक पूछताछ में मंजय ने बताया कि लक्की और वीरू के कहने पर उसने राकेश साह के नाम से और अरुण यादव के नाम से दो फर्जी आईडी कार्ड बनाए थे। प्रेस कांफ्रेंस के बाद सभी फाइलों को जेल भेज दिया गया.

समूह के लोगों का इपिक नंबर प्राप्त कर फर्जी पहचान बनाता है:
एसपी ने बताया कि इस गैट में लक्की का अहम रोल था। वह वीरू के साथ मिलकर ग्रुप ग्रुप के सदस्यों का आधार नंबर प्राप्त करता है। उस आधार नंबर के आधार पर फर्जी रहने का कार्ड उस आधार कार्ड पर मोबाइल सिमिंग चढ़े हुए बदमाशों को लेकर बहुत कुछ था। जो बदमाशों का उपयोग अपराधिक घटनाओं में करते थे।

Kunal Gupta
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