Thursday, November 28, 2024
Patna

बिहार में प्रचंड गर्मी से टेढ़ी हो रहीं रेल पटरियां, पलटने से बाल-बाल बची हटिया-पटना एक्सप्रेस

बिहार में प्रचंड गर्मी .Bihar Heat Wave: भीषण गर्मी से समूचा उत्तर भारत दहक रहा है. बिहार के कई जिलों में पारा 40 डिग्री से ऊपर निकल गया है. प्रचंड गर्मी से लोगों की ही नहीं बल्कि रेलवे की हालत भी खराब हो रही है. प्रदेश से आए दिन रेल पटरियों के टेढ़ा होने की खबरें सामने आ रही हैं. ताजा मामला गया-कोडरमा रेलखंड पर स्थित दिलवा स्टेशन के पास का है. यहां गर्मी से रेल की पटरी सांप की तरह टेढ़ी हो गई.

 

 

 

इस घटना में हटिया-पूर्णिया कोर्ट कोशी एक्सप्रेस पलटने से बाल-बाल बची. ट्रेन उसी पटरी से गुजरने वाली थी, यदि चंद मिनटों की देरी होती तो यात्रियों से भरी पूरी ट्रेन पलट सकती थी. लाइनमैन से पटरी टेढ़ी होने की जानकारी मिलने पर ट्रेन को दिलवा स्टेशन पर तकरीबन 3 घंटे तक रोक कर रखा गया. रेल यातायात को सुचारू करने के लिए आनन-फानन में नई पटरी बिछाई गई. उसके बाद ट्रेन को रवाना किया गया.

 

कौन-कौन सी ट्रेनें फंसी?

 

पटरी टेढ़ी होने से हटिया से पूर्णिया कोर्ट जा रही 18626 कोशी एक्सप्रेस को दिलवा के पास रोक दिया गया. इसके अलावा 13553 आसनसोल-वाराणसी मेमू एक्सप्रेस को गझंडी में रोका गया. 12801 पुरी -नई दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस कोडरमा में खड़ी रही. इतना ही नहीं गोमो से दिलवा के बीच अलग-अलग स्टेशनों पर 13 मालगाड़ियों को रोका गया.

 

पहले भी सामने यह समस्या

 

इससे पहले दरभंगा में ऐसी समस्या सामने आई थी. यहां 20 अप्रैल को दरभंगा-सीतामढ़ी रेल खंड के टेकटार रेल स्टेशन के पास पटरी मिली थी. रेल अधिकारियों को तुरंत इसकी सूचना दी गई थी. सूचना पर दरभंगा से आए इंजीनियरों की टीम ने आनन-फानन में पटरी को दुरुस्त किया था. इस घटना में दरभंगा रक्सौल पैसेंजर ट्रेन को लगभग 40 मिनट तक टेकटार स्टेशन के पास रोकना पड़ा था.

 

 

पैट्रोलिंग टीमें तैनात की गईं

 

किसी भी तरह की कोई रेल दुर्घटना न हो जाए इसके लिए रेल विभाग की ओर से पैट्रोलिंग टीमें तैनात की गई हैं. पैट्रोलिंग टीम के राम लोचन साह ने मीडिया को बताया था कि पैट्रोलिंग करना हम लोगों का रूटीन काम है. खासकर भीषण गर्मी एवं भीषण ठंड में व्यस्तता बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि चूंकि रेल की पटरी लोहे की होती है, इसका गर्मी में एक्सटेंशन होता और भीषण ठंड में यह सिकुड़ जाती है. इससे रेल दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है

Kunal Gupta
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