Sunday, November 17, 2024
Samastipur

दुल्हन हो या रोगी,समस्तीपुर में इस चचरी पुल से गुजरना है मजबूरी

समस्तीपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर वारिसनगर प्रखंड के हजपुरवा गांव का वार्ड नंबर 4 विकास की रोशनी से कोसों दूर है। इस गांव की करीब 2 हजार की आबादी के लिए आजादी के 75 साल बाद भी चलने के लिए चचरी पुल का ही सहारा है। नतीजा है कि अगर गांव का कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो लोग खटिया पर लाद कर किसी तरह चचरी पुल को पार करते हैं।‌

वहीं अगर गांव में किसी की शादी होती है तो दूल्हे व दुल्हन को गोद में उठाकर मंडप तक लाते हैं। 12 महीने के साल में 2 महीने ही लोग रास्ता सूखने पर नासिक के रास्ते जाते हैं अन्यथा 10 महीने तक उन्हें चचरी पुल के सहारे ही आर पार करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में उनके साथ कभी अनहोनी हो जाए, इससे इंकार नहीं किया जा सकता है। चचरी पुल लोग खुद आपसी चंदा कर बनाते हैं जो साल 2 साल के बाद खराब हो जाता है लोगों को पुनः चंदा करना पड़ता है और चचरी पुल बनाकर अपना रास्ता खुद ही तय करना होता है।

ग्रामीणों ने बयां किया अपना दर्द

हजपुरवा वार्ड 4 निवासी नारायण शाह बताते हैं कि इस गांव के लोग पहले उत्तर के रास्ते किसी तरह से भूस्वामी के खेत की पगडंडियों से होकर मुख्य सड़क तक आते थे। करीब 3 वर्ष पूर्व वार्ड 4 से एक व्यक्ति पंचायत चुनाव में खड़ा हो गया, जिसके बाद भू स्वामियों ने अपनी जमीन के रास्ते इन लोगों का आना जाना बंद कर दिया। फलता गांव के लोगों के लिए नासिक के रास्ते ही नैया पार करना दिनचर्या बन गई। बाद में लोगों ने चचरी पुल का निर्माण कराया।

पुल से दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
ग्रामीण दीपक बताते हैं कि यह स्थिति पिछले 50 सालों से है लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि पंचायत प्रतिनिधि ने चुनावों में सिर्फ कोरा आश्वासन ही दिया है।

पंचायत में नहीं है स्कूल, नाही आंगनबाड़ी केंद्र
ग्रामीण बताते हैं कि यह नहर बागमती व करेह नदी के घोगराहा से निकलकर सतमलपुर में जाकर बूढ़ी गंडक से मिलती है। जिस कारण दोनों ओर से इस नदी में पानी चला आता है। जिस कारण बरसात के दिनों में इस नासिक में कम से कम 25 फीट तक पानी भरा रहता है। यानी अगर बरसात के दिनों में कोई डूब जाए तो उनकी लाश भी नहीं मिल पाएगी।

पुल के लिए विधायक योजना ली गई, लेकिन नहीं मिली है स्वीकृति
इस इलाके में मजदूरों की राजनीति करने वाले माले के नेता जीवन पासवान बताते हैं कि उन लोगों के धरना प्रदर्शन आंदोलन के बाद स्थानीय विधायक ने इस राशि पर पुल निर्माण को लेकर योजना ली है। लेकिन अब तक इस योजना की स्वीकृति नहीं मिली है। नहर में रास्ते के लिए स्थानीय ग्रामीण कई बार कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं। लेकिन इस और प्रशासनिक अधिकारियों का भी ध्यान नहीं जा रहा है।

जिला विकास आयुक्त ने क्या कहा
समस्तीपुर के जिला विकास आयुक्त डीडीसी अखिलेश प्रसाद सिंह ने बताया कि हज पुरवा पंचायत के वार्ड 6 और 4 को जोड़ने के लिए ग्रामीण चचरी पुल का सहारा ले रहे हैं, इसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। विस्तृत रिपोर्ट प्रखंड प्रशासन से लेकर इस पर आगे की कार्रवाई करेंगे। अगर जरुरत होगा तो पुल निर्माण को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा। ‌

Kunal Gupta
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