Success Story;नौकरी के साथ चौथे प्रयास में IAS अधिकारी बनी काजल,पिता के सपने को किया साकार
Success Story;। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा अपने आप में एक तपस्या है, जिसे छात्र कठिन परिश्रम और एकाग्रता के बाद प्राप्त करते हैं। इस परीक्षा का आयोजन हर साल किया जाता है। देश भर से लाखों छात्र इस परीक्षा में बैठते हैं। लेकिन पदों की संख्या करीब एक हजार होती है, जिसके चलते इस परीक्षा में अपनी जगह बनाने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
परीक्षा में विफल हुए कई छात्र अपना मनोबल खो देते हैं और हार मान लेते हैं। वहीं, कई छात्र ऐसे भी है, जो बार-बार फेल होने पर भी अपनी तैयारी जारी रखते हैं और सफलता के शिखर तक पहुंच जाते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही एक कर्ममठी छात्र की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसका नाम काजल जावला है।
काजल के बारे में जानें
काजल मूलरूप से उत्तरप्रदेश के शामली की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक परीक्षा वहीं से पूरी की। बाद में वह मथुरा के इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी होने के बाद काजल की विप्रो कंपनी में नौकरी लगी, जिसका 23 लाख का पैकेज था। फिर उन्होंने एक दूसरी निजी कंपनी में भी नौकरी की। उन्होंने निजी क्षेत्र में करीब नौ साल तक नौकरी की है।
काजल के पिता चाहते थे कि उनकी बेटी सिविल सेवक बनकर देश की सेवा करे। पिता के सपने को सच करने के लिए काजल ने साल 2014 में यूपीएससी की तैयारी करना शुरू किया। हालांकि, कठिन परिश्रम के बाद भी वह अपने दो प्रयास में फेल हो गईं।
शादी के बाद परीक्षा में जुटीं काजल
नौकरी के दौरान काजल की शादी आशीष मलिक से हो गई थी, जो कि अमेरिकन अंबेसी में कार्यरत हैं। ऐसे में सिविल सेवा के लिए उनके पति और पिता दोनों ने ही उन्हें फिर से प्रेरित किया, जिसके बाद काजल ने 2016 में फिर से परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी।
चौथे प्रयास में बनी आईएएस अधिकारी
काजल ने सिलेबस का अध्ययन करने के साथ पारंपरिक पुस्तकों को आधार बनाया और फिर से जोरों-शोरों से तैयारी में जुट गईं। हालांकि, वह अपने तीसरे प्रयास में भी प्रीलिम्स की परीक्षा को पास नहीं कर सकी। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और अपना हौंसला बनाए रखा। यहां तक की उनके पति ने रसोई की जिम्मेदारी संभाल ली थी। काजल ने चौथे प्रयास के लिए तैयारी शुरू की। इस बार उन्होंने अपनी कमियों पर काम करते हुए परीक्षा की पहले से बेहतर तैयारी की। इस बार उन्होंने परीक्षा दी और 1051 अंकों के साथ 28वीं रैंक हासिल करते हुए साल 2018 में आईएएस बनने का सपना पूरा कर दिया।