समस्तीपुर;हसनपुर-बिथान के बीच रेलवे लाइन बन तैयार,अप्रैल के पहले सप्ताह से ट्रेन परिचालन शुरू होने की उम्मीद,किया निरीक्षण
समस्तीपुर.50 सालों से जारी हसनपुर-सकरी रेलखंड के हसनपुर-बिथान के बीच 11 किलोमीटर में रेलवे लाइन बन कर तैयार हो गया है। इस खंड के ईस्टर्न सर्किल के सीआरएस शुवमोय मित्रा 28 मार्च को निरीक्षण करेंगे। माना जा रहा है कि निरीक्षण ओके मिलने के बाद इस स्टेशनों के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। ट्रेनों का परिचालन शुरू होने से इस इलाके के लोगों का करीब 50 सालों का सपना पूरा होगा। डीआरएम आलोक अग्रवाल ने बताया कि हसनपुर- बिथान के बीच 11 किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है।
वही मंडल रेल प्रबंधक आलोक अग्रवाल एवं अन्य शाखाधिकारियों ने समस्तीपुर-सहरसा-बनमंखी रेल खंड के विभिन्न स्टेशनो का निरिक्षण किया l
सीआरएस ने निरीक्षण की अनुमति दे दी है। 11 किलाेमीटर में रेलवे लाइन बिछाने के बाद सिगनल व एनआई कार्य गुरुवार को पूरा कर लिया गया है। उधर, सीआरएस के आने के एक दिन पूर्व प्रिसिंपल चीप इंजीनियर विद्युत श्री रंजन श्रीवास्तव खंड का निरीक्षण करेंगे। बाढ़ प्रभावित इस इलाके में ट्रेन सेवा शुरू होने से इस इलाके के विकास के द्वार खुलेंगे। यह इलाका जिले का बाढ़ प्रभावित इलाकों में से एक है। यहां साल से छह महीने लोग पानी से घिरे रहते हैं। जिस समय इस इलाके के लिए नाव ही एक मात्र सहारा बन जाता है। ऐसी स्थिति में रेलवे लाइन लाइफ लाइन बन जाएगी।
ट्रेन सेवा शुरू होने से बाढ़ प्रभावित इस इलाके का होगा कायाकल्प : डीआरएम
दस रेलवे स्टेशन का होना है निर्माण, लोगों को होगी काफी सहूलियत
हसनपुर, बिथान, कौराही, विरौल, हरनगर, कुशेश्वरस्थान, नेडली, बेनीपुर, जगदीशपुर व सकरी को स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत सकरी, कुशेश्वस्थान व हसनपुर को जंक्शन के अलावा चार क्रॉसिंग स्टेशन, 45 रेलवे गुमटी व 82 छोटे-बड़े पुलों का निर्माण होगा। दूसरे चरण में कार्य हसनपुर-कुशेश्वर स्थान की ओर चल रहा है। इसी के तहत पहले चरण में हसनपुर- बिथान के बीच रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।
चालू वित्तीय वर्ष में 75 करोड़ रुपये मिले हैं, इससे तेजी से काम कराया जाएगा
1951 में योजना के लिए जांच की गई। 1953 में रेलवे बोर्ड ने कहा कि बाढ़ के इलाके में यह संभव नहीं। 1972 में तत्कालीन रेलमंत्री स्व. ललित नारायण मिश्रा ने सर्वे की घोषणा की। इसी बीच समस्तीपुर स्टेशन पर बम विस्फोट में ललित बाबू की हत्या हो गई। इसके बाद इस योजना की फाइल बंद कर दी गई। 1997 में रेल मंत्री रामविलास पासवान ने इस योजना को मिथिलांचल के विकास के लिए जरूरी बताते हुए पुन: खोली व फंड उपलब्ध कराकर शिलान्यास किया। रामविलास के रेलमंत्री से हटते ही कई वर्षों तक इस योजना को राशि नहीं मिली। लालू प्रसाद के रेल मंत्री बनने पर इस योजना को फंड मिलना शुरू हुआ। चालू वित्तीय वर्ष में 75 करोड़ रुपये मिले हैं जिससे काम को कराया जाएगा।
हसनपुर-सकरी रेल परियोजना पर दो चारणों में काम चल रहा है
हसनपुर-सकरी 76 किलोमीटर रेल परियोजना के अधीन हसनपुर-बिथान एक पार्ट है। इस योजना पर दो चारणों में काम चल रहा है। इसके लिए अलग-अगल उप मुख्य अभियंता काम कर रहे हैं। पहले चरण में सकरी से कुशेश्वरस्थान के कार्य काे बांटा गया है। इस ओर पर सकरी से हरनगर तक रेलवे लाइन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। ट्रेन हरनगर तक चल भी रही है। हरनगर से कुशेश्वर स्थान के बीच दरभंगा के तत्कालीन डीएफओ दिगंबर ठाकुर द्वारा दिसंबर 2008 में आपत्ति के बाद कुशेश्वर स्थान पक्षी विहार के पास रेलवे लाइन के निर्माण पर रोक लगी हुई है।