समस्तीपुर;बाबा अमर सिंह मंदिर में मन्नत पूरी होने पर सोने की नाव वाली कुएं में फेंकते हैं सिक्के,देश-विदेश से पहुंचते हैं श्रद्धालु
समस्तीपुर जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दक्षिण यानी पटोरी थाना क्षेत्र में शिवरा गांव है, जहां हर साल चैत्र रामनवमी और सावन के पवित्र माह में निषादों का राष्ट्रीय तीर्थ स्थल बाबा अमर सिंह स्थान देश-विदेश से श्रद्धालु आकर दुधाभिषेक करते हैं। वहीं अब सवाल यह है कि इस मेले की ऐसी क्या खासियत है कि देश-विदेश से आकर श्रद्धालु मन्नत मांगते हैं और मन्नत पूरी होने पर सोने की नाव वाली कुएं में सिक्का गिराते है और मंदिर परिसर में अभिषेक करते हैं।
बाबा अमर सिंह की कथाएं
बाबा अमर सिंह का उद्गम यमुना नदी में एक निषाद महिला द्वारा तोड़े गए कमल फूल से हुआ था। बुजुर्गों की माने तो गंगा में जब विनाशकारी बाढ़ आई थी तो लोगों के आह्वान पर सोने के नाव से एक जटाधारी साधु शिउरा गाव पहुंचे थे, जिनकी आराधना से गंगा का पानी उतर गया था और लोगों को बाढ से निजात मिल गई थी। इसके बाद वह साधु नाव को छोड़कर वही अंतर्ध्यान हो गए थे। कहा जाता है कि वही साधू बाबा बाद में बाबा अमर सिंह के नाम से विख्यात हुए। बताया जाता है कि उस नाव का जंजीर आज भी उक्त कुएं से बंधा है, जिसमें लोग पूजा अर्चना करते हैं।
कुष्ठ रोगी यहां आने से होते हैं चंगा
स्थानीय लोगों की माने तो बाबा अमर सिंह स्थान में कुष्ठ रोगी सेवादार बनकर बाबा की आराधना पूजा करते हैं। देखते ही देखते कुछ ही दिनों में कुष्ठ रोगी चंगा हो जाते हैं। देश विदेश से दर्जनों कुष्ठ रोगी चैत और सावन के पवित्र माह में मंदिर परिसर में हफ्ता दो हफ्ता या महीना भर रहकर पूजा अर्चना के साथ साथ मंदिर के दैनिक कार्य और आए श्रद्धालुओं के सेवा में लग जाते हैं।
मन्नते पूरा होने पर क्या करते हैं श्रद्धालुओं
निषादों की राष्ट्रीय तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध बाबा अमर सिंह स्थान शिवरा मेला में मिट्टी के बने हाथी-घोड़े को मन्नत पूरा होने पर श्रद्धालु बाबा अमर सिंह के मंदिर में चढ़ाते साथ में दुधाभिषेक भी करते हैं, इस स्थल पर देश-विदेश से श्रद्धालुओ आकर बाबा अमर सिंह के जिस कुआं में सोने की नाव उस कुएं में माथा टेक कर मन्नत मांगते मन्नत पूरा होने पर सिक्के गिराते हैं।
इन नेताओं ने यहां की है पूजा अर्चना
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री कार्यकाल में बाबा अमर सिंह का स्थान आकर पूजा अर्चना किए थे। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, पूर्व सांसद पप्पू यादव आदि भी इस मंदिर में आकर पूजा अर्चना कर चुके हैं। 2022 में इस मेले को राजकीय मेले का दर्जा मिला है।