Rain Water Harvesting;सोनपुर मंडल पर्यावरण संरक्षण की दिशा मे अग्रसर, रैन वाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से हो रहा भूजल संरक्षण
Rain Water Harvesting;सोनपुर:सोनपुर मंडल द्वारा पर्यावरण संरक्षण की दिशा मे पहल करते हुए रैन वाटर हार्वेस्टिंग की दिशा में एक गंभीर प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए 01 करोड़ 45 लाख की लागत से मंडल के कुल 06 स्टेशनों यथा *सोनपुर, हाजीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, मानसी एवं नौगछिया* रेलवे स्टेशनों पर वर्षा के जल को संरक्षित कर भू-जल के स्तर को रीचार्ज करने हेतु रैन वॉटर हवेस्टिंग यूनिट का निर्माण किया गया है।(Rain Water Harvesting)
विदित हो कि भूजल के जबरदस्त दोहन से लगातार पानी का स्तर नीचे जा रहा है। इससे न सिर्फ शहरों बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी पेयजल की किल्लत हो रही है। इसे दूर करने के लिए जल संरक्षण जरुरी है।
यह देखा जा रहा था कि बरसात के मौसम में बारिश का पानी यूं ही बहकर बर्बाद हो जाता था । लेकिन अब सोनपुर मंडल द्वारा जल संरक्षण के महत्व को समझते हुए इस यूनिट के द्वारा इन सभी स्टेशनों पर वर्षा के जल को एकत्र कर एक पीट के माध्यम से फ़िल्टर कर सीधे जमीन/ धरती मे भेजा जाता है। जिससे भू-जल के स्तर को बढ़ाने मे काफी मदद मिलेगी तथा भूजल रिचार्ज होगा।इसके लिए संबंधित विभाग द्वारा सभी पीट का नियमित अंतराल पर समुचित रखरखाव भी किया जा रहा है।
*रैन वॉटर हार्वेस्टिंग क्यों है जरूरी
वॉटर हार्वेस्टिंग बारिश के पानी को जमा करने का एक तरीका है। जिसका इस्तेमाल बाद में उपयोगिता के आधार पर किया जाता है। इस विधि में जल का सरंक्षण किया जाता है। इससे धरती में पानी का स्तर भी बढ़ जाता है। वर्षा के संरक्षित जल का उपयोग व्यावसायिक कार्यों में कर सकते हैं ।