Monday, November 18, 2024
Samastipur

समस्तीपुर स्टेशन पर दबोचे गए पर्स और मोबाइल उड़ाने वाले गिरोह के 9 अपराधी,प्रदेश से लौट रहे लोगों को बनाते थे निशाना

समस्तीपुर में होली पर प्रदेश से कमा कर लौट रहे लोगों की मोबाइल और पर्स उड़ाने वाले एक बड़े रैकेट का रेलवे पुलिस ने मंगलवार शाम खुलासा किया। रेल पुलिस ने इस गिरोह के 9 सदस्यों को जिले के दलसिंहसराय और समस्तीपुर स्टेशन से गिरफ्तार किया। दलसिंह सराय स्टेशन से पांच व समस्तीपुर स्टेशन से चार पकड़े गए हैं बताया गया है कि इस गिरोह के सदस्य ट्रेनों में अलग-अलग गुटों में चढ़कर सो रहे यात्रियों की मोबाइल और पर्स उड़ा लेते थे। गिरफ्तार अपराधियों के पास से 15 विभिन्न कंपनियों की मोबाइल के अलावा यात्रियों के बैग, लेडीस पर्स आधार कार्ड आदि बरामद की गयी।

रेल थाने पर मंगलवार देर शाम रेलवे के मुख्यालय डीएसपी अतनु दत्ता ने बताया कि रेलवे पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कोलकाता पंजाब दिल्ली आदि रूटों से होली के मौके पर लौट रहे लोगों की जेब खाली करने के लिए गिरोह दलसिंह सराय स्टेशन पर सक्रिय है। सूचना के आधार पर रेल थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार के नेतृत्व में रेल की टीम ने दलसिंह सराय स्टेशन पर शाम में छापेमारी की, तो वहां से 5 लोगों को पकड़ा गया। पकड़े गए लोगों की निशानदेही पर समस्तीपुर स्टेशन पर यात्रियों के सामान उड़ाने में लगे चार अन्य लोगों को भी पकड़ा गया। गिरफ्तार किए गए रेल अपराधी में उजियारपुर थाना क्षेत्र का श्रवण कुमार, मधुबनी जिले के राजनगर का सोनू कुमार गुप्ता, शहर के अंबेडकर नगर का नरेश कुमार उर्फ सेठ, मुफस्सिल थाने के जितवारपुर हसनपुर का सुनील कुमार ,दरभंगा के हायाघाट का मोहम्मद रियाज समस्तीपुर के वारिसनगर थाना क्षेत्र के पूरनाही गांव का राजा कुमार महतो, मधुबनी राजनगर के राजेश कुमार, मधुबनी के ही जितेंद्र कुमार महतो तथा राजेश कुमार उर्फ न कट्टा शामिल है।

ज्यादातर रात के दौरान यात्रियों के सोने वक्त उड़ाता था समानजी

आरपी थाने पर देर शाम रेल डीएसपी ने बताया कि इन अपराधियों का गिरोह अलग-अलग ट्रेनों में गुट बनाकर चलता था । रात के दौरान सो रहे यात्रियों की अटैची मोबाइल पर्स उड़ा लेता था। चोर का वेशभूषा ऐसा होता था कि एक नजर में कोई पहचान नहीं पाता था।

छात्र के वेश में ट्रेन में सवार होते थे बदमाश

रेल डीएसपी ने बताया कि इन बदमाशों को पहली नजर में देखकर कोई भी इसे बदमाश नहीं बता सकता था ।सभी छात्रों की तरह पिट्ठू बैग लेकर चलते थे। उनका पोशाक भी वेल्मेंटल होता था जिससे लोगों को यह शक नहीं हो पाता था। कि यह लोग बदमाश है ट्रेनों में भी सभी छात्रों की तरह व्यवहार करते थे। इसी का फायदा उठाकर यात्रियों का सामान लेकर चलते बनते थे।

Kunal Gupta
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