मेहनाज ने 22 साल की उम्र में लिखी दो किताबें:बिहार की बेटी ने खुद बनाया अपना रास्ता
पटना.बचपन से ही किताबें पढ़ने का शौक रखने वाली बिहार की युवा लेखक मेहनाज ने 22 साल की उम्र में ही दो किताबें लिख डाली हैं। उन्होंने 15 की उम्र से ही किताबें लिखना शुरू कर दिया था। उनकी पहली किताब ‘द ह्यूमन ओडिसी: फ्रॉम एम्पायर टू ग्लोबलाइजेशन’ और दूसरी ‘वॉयज ऑफ सेल्फ सर्चिंग’ है। ये दोनों किताबें एक यात्रा के बारे में हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग शैलियों में हैं। उन्हें यह दोनों किताबें लिखने में 8 साल लगे। उनकी यह दोनों किताबें फरवरी 2023 में थोड़े दिन के अंतराल के बाद पब्लिश हुई थी।
पहली पुस्तक लिखने में लगे 6-7 साल
‘द ह्यूमन ओडिसी: फ्रॉम एम्पायर टू ग्लोबलाइजेशन’ शीर्षक वाली पुस्तक, बिग बैंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे वैज्ञानिक सिद्धांतों की एक तथ्यपूर्ण खोज है। इसमें बिग बैंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया जैसे वैज्ञानिक रूप से सिद्ध सिद्धांतों को शामिल किया गया है। इस तथ्य के बावजूद कि बिग बैंग 13.5 अरब साल पहले हुआ था और हमारी दुनिया 4.5 अरब साल पहले बनी थी, हमारे पास केवल 5,000 से 6,000 साल के विश्व इतिहास के साक्ष्य हैं, जिससे हमारे अतीत को समझना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। मेहनाज को यह किताब लिखने में 6-7 साल लगे।
जीवन में अपना रास्ता खुद खोजने की प्रेरणा देती है दूसरी किताब
उनकी दूसरी पुस्तक का शीर्षक ‘द वॉयज ऑफ सेल्फ-सर्चिंग’ है, और यह एक सेल्फ हेल्प बुक है जो पाठकों को जीवन में अपना अर्थ और यात्रा खोजने के लिए प्रोत्साहित करती है। यह इस विचार की पड़ताल करता है कि अलग तरह से सोचना एक यात्रा है और हम सभी को अपना रास्ता खुद खोजना होगा। यहां “आत्म-खोज” का अर्थ स्वयं की खोज करने की प्रक्रिया से है। इस किताब को लिखने के लिए मेहनाज ने कई सेमिनार में भाग लिया, कोर्स अटेंड किए, कई जगहों पर गई, लोगों को ऑब्जर्व किया तब उन्हें इससे यंग जेनरेशन के लोगों के लिए यह बुक लिखने का आइडिया आया। उनकी यह किताब उनके 3-4 साल का एक्सपीरिएंस है।
22 साल की मेहनाज अब तक पढ़ चुकी हैं 450 किताबें
मेहनाज बचपन से ही पढ़ने की शौकीन रही हैं और उन्हें बचपन से ही किताबें लिखने का शौक था। अबतक उन्होंने 450 किताबें पढ़ लिया है। उन्हें ऑटोबायोग्राफी, साइंटिफिक, हिस्ट्री, आदि जॉनर की किताबें पढ़ना ज्यादा पसंद है। हालांकि, मेहनाज किसी एक जॉनर में बंधकर नहीं रहना चाहती हैं। वह हर चीजों को एक्सप्लोर करती हैं। उन्हें किताबें लिखने का इंस्पिरेशन अपने आस पास की चीजों को ऑब्जर्व करने के बाद मिला।
कोलकाता में हुआ जन्म, मुजफ्फरपुर में बीता बचपन
मेहनाज का जन्म कोलकाता में हुआ लेकिन उनका होमटाउन हाजीपुर है। उनका पूरा बचपन मुजफ्फरपुर में बीता और उन्होंने मुजफ्फरपुर के पैरामाउंट पब्लिक स्कूल से अपनी 12वीं पास की। अभी वह अपना ग्रेजुएशन बोधगया यूनिवर्सिटी से बीकॉम में कर रही हैं। फिलहाल वह गूगल से डाटा एनालिसिस का कोर्स कर रही हैं। मेहनाज को उम्मीद है कि उनकी किताबें पाठकों को आत्म-खोज और सीखने की अपनी यात्रा शुरू करने के लिए प्रेरित करेंगी। मेहनाज ने जो किताब लॉन्च की, वह उनके सपनों की ओर पहला कदम है। फिलहाल वह एक रोमांटिक नॉवेल ‘द शेड्स ऑफ इमोशंस’ लिख रहीं हैं।