Moon Pic:दूज के चांद की रौशनी में नहाया आसमान,बढ़ गई बाबा नगरी की छटा
Moon Pic: आज यूं तो मां चंद्रघंटा की पूजा का दिन है. मतलब आज मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा पूरे देश में हुई है. वहीं आज अपनी विशेष कला या कहें तो अपनी दूसरी कला से युक्त चांद दूज यानी द्वितिया तिथि का चांद अपने निखार पर होता है. ज्योतिष में इस दिन के चांद का विशेष महत्व बताया गया है. आपको बता दें कि इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. हालांकि चांद के दिखने का समय काफी कम होता है. इसका मनमोहक दृश्य आसमान पर छाया रहता है.
निरोगी काया को प्रदान करनेवाला होता है यह चांद
अमावस्या के दूसरे दिन यानी शुक्लपक्ष की द्वितिया तिथि को निकलने वाला यह चांद भले ही थोड़ी देर के लिए दिखाई दे लेकिन इसे निरोगी काया का जनक माना जाता है. कहते हैं कि लोग इस चंद्र के दर्शन कर निरोगी काया प्राप्त करते हैं. इस चंद्र के दर्शन के बाद ही लोग पूरे दिन के उपवास के उपरांत भोजन करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस चंद्र की पूजा करने से शारीरिक परेशानियों से मुक्ति मिलती है साथ ही सुख, समृद्धि और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है.
बाबा बैद्यनाथ धाम से आई तस्वीर देख शिवभक्त हो गए मगन
इस दिन सूर्यास्त के बाद कुछ समय के लिए चंद्र का दर्शन संभव हो पाता है. इस दिन चंद्रमा और सूर्य दोनों एक क्षितिज पर होते हैं और दोनों के बीच का अंतर 13 से 24 डिग्री के बीच का होता है. ऐसे में आज आसमान में द्वितिया तिथि के दिन एक विशेष खगोलीय घटना देखने को मिली. इसके गवाह देश के लोग बने. दरअसल आज चंद्रमा के साथ शुक्र ग्रह का भी नजारा लोगों को देखने को मिला. ऐसे में झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धानम से आई तस्वीर ने सबका मन मोह लिया. इस दूज के चांद के साथ शुक्र ग्रह का नजारा मंदिर के शिखर पर ऐसा लग रहा था मानो बाबा के मस्तक पर अर्धचंद्र चमकर रहा हो.
चंद्रमा और शुक्र की युति का मनमोहक नजारा लोगों को भाया
लोग चंद्र और शुक्र की आसमान में यह युति देखकर कहने लगे कि मां चंद्रघंटा आज साक्षात दर्शन दे रही हैं. शाम 6 बजे से ही इस अद्भुत नजारे को लोग अपनी आंखों से निहार रहे थे और मां चंद्रघंटा के दर्शन को दिल में बसा रहे थे. लोग इश अद्भुत खगोलीय घटना को अपने मोबाइल फोन के कैमरे में कैद करते दिखे. लोग इस खगोलीय घटना को मां के चमत्कार से जोड़ रहे थे और आस्था में मां के इस चमात्कार के सामने सिर झुका रहे थे. तब आसमान में चंद्रमा के ठीक नीचे शुक्र ग्रह चमक रहा था.