एमएमडीपी किट देते वक्त फाइलेरिया रोगी को समझाने की जरूरत:डॉ सतीश
मुजफ्फरपुर, 27 मार्च। अब फाइलेरिया रोगी को एमएमडीपी किट देते वक्त चिकित्सकों और नर्सों को एमएमडीपी प्रशिक्षण की कमी आड़े नहीं आएगी। इसके लिए सदर अस्पताल स्थित डीईआईसी भवन में सोमवार को जिले के प्रत्येक प्रखंडों से आए चिकित्सकों, नर्सों और एमओआईसी को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। प्रशिक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने फाइलेरिया के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि एमएमडीपी किट फाइलेरिया के तीसरे चरण से प्रभावी हो जाता है, क्योंकि इस अवस्था के आते आते फाइलेरिया रोगियों में सूजन बढ़ जाती है। साथ ही फाइलेरिया के एक्यूट अटैक के खतरे की संभावना भी अत्यधिक होती है। ऐसे में एमएमडीपी से फाइलेरिया रोगी, रोग प्रबंधन की एक कला सीखते हैं। जिससे उन्हें काफी आराम मिलता है।
प्रत्येक मंगलवार को होता है एमएमडीपी किट का वितरण-
प्रशिक्षण के दौरान जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि प्रत्येक मंगलवार को होने वाले एमएमडीपी किट के वितरण की जगह उन्हें इसके इस्तेमाल के तरीकों को प्रत्येक मरीजों को बताना आवश्यक है, ताकि वे उस किट का सही इस्तेमाल कर पाएं। इसके अलावा व्यायाम भी इस रोग में काफी प्रभावी होता है।
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए दो पिलरों पर हो रहा काम-
डॉ सतीश कुमार ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिला दो पिलरों पर काम कर रहा है। पहला सर्वजन दवा अभियान और दूसरा एमएमडीपी क्लीनिक। हमारा प्रयास है कि हम हर फाइलेरिया मरीज को उनके डोर स्टेप तक सुविधा दें। जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एमएमडीपी क्लीनिक है। सभी एमएमडीपी क्लीनिकों पर प्रत्येक मंगलवार को किट का वितरण एवं फाइलेरिया मरीजों को व्यायाम भी कराया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा, एसीएमओ डॉ सुभाष प्रसाद सिंह, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, डीपीएम रेहान अशरफ, भीबीडीसी प्रीतिकेश परमार्थी और केयर के सोमनाथ ओझा सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे।