Tuesday, November 19, 2024
Patna

आंगनबाड़ी केंद्र पर नामांकित बच्चे खेल खेल में सीखते है पढ़ाई

आरा, 29 मार्च | पूर्व में आंगनबाड़ी केंद्र का नाम सुनते ही हमारे जेहन में एक जर्जर भवन अथवा झोपड़ी की तस्वीर आ जाती थी, जहां झुग्गी झोपड़ी में बच्चे खेलते रहने वाले बच्चे नजर आते थे। लेकिन जब सरकार के प्रयासों की बदौलत आंगनबाड़ी केंद्र सभी प्रकार की सुविधाओं से लैस हो चुके हैं। जहां आंगनबाड़ी केंद्र के भवन और परिसर एक निजी स्कूल की भांति चकाचक तो हैं ही, साथ ही सरकार और समेकित बाल विकास सेवा योजना के तहत मिलने वाले लाभ लाभुकों को समय पर मिल रहे हैं। भोजपुर जिले में भी एक ऐसा मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र है को नौनिहालों को लुभाता है, वहीं उक्त इलाके में गर्भवती और प्रसूति महिलाओं को नियमित रूप से टीएचआर मिलता है। हम बात कर रहे हैं भोजपुर जिले के सदर प्रखंड (ग्रामीण परियोजना) के रामापुर सनदियां स्थित रामपुर छपरा गांव में वार्ड नंबर पांच के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 91 की। जिसका सरकार के महत्वकांक्षी योजना के तहत मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र में कायाकल्प किया गया। जिसके बाद इसकी तस्वीर तो बदली ही, वरन केंद्र के पोषण क्षेत्र में नामांकित बच्चों और लाभुक महिलाओं को नियमित योजनाओं का लाभ भी मिलना शुरू हुआ। केंद्र की सेविका रफत शहिना की बदौलत ही संभव हो सका है।

नियमित रूप से आते हैं बच्चे :
ग्रामीण क्षेत्र में स्थित होने के बावजूद भी मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र एक निजी स्कूल की भांति दिखता है। केंद्र का भवन रंग रोगन कर खूबसूरत बना दिया गया है। भवन के अंदर की दीवारों पर तरह-तरह के कार्टून बनाए गए हैं जो बच्चों को सहज ही लुभा रहे हैं। इसके साथ ही केंद्र के दीवारों पर गिनती पहाड़ा एवं ज्ञान मूलक बातें भी अंकित की गई है। नौनिहालों के बैठने के लिए तरह-तरह के डिजाइनर कुर्सी टेबल की व्यवस्था की गई है। उन्हें खेल-खेल में पढ़ाने के लिए तरह-तरह के खिलौने भी प्रदान किए गए हैं। जिसके कारण आंगनबाड़ी केंद्र के पोषण क्षेत्र के सभी नामांकित बच्चे निगमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्र आते हैं और छुट्टी के समय अपने घरों को जाते हैं। साथ बच्चों को मेन्यू चार्ट के अनुसार मिड डे मील भी उपलब्ध कराया जाता है।

 

टीसीएचआर के साथ मिलता है बेहतर प्रमर्श :
पोषण क्षेत्र की लाभुक उपेंद्र राम की पत्नी रानी देवी ने बताया कि सेविका रफत शहिना क्षेत्र की सभी गर्भवती और प्रसूति महिलाओं की नियमित रूप से जांच करवाती हैं। साथ ही, समय पर अरोग्य दिवस शिविर का आयोजन करती हैं। जिससे गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों को समय पर जरूरी इंजेक्शन मिल पाता है। आंगनबाड़ी केंद्र के कारण उन्हें जरूरी इंजेक्शन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है। साथ ही, नवजातों और केंद्र में नामांकित बच्चों का स्वास्थ्य जांच भी कराया जाता है। जिससे उनकी उम्र के अनुसार लंबाई और वजन के संबंध में नामांकित बच्चों के अभिभावक भी जागरूक हो चुके हैं।
फाइलों के संधारण के साथ अन्य व्यवस्था बेहतर :
समेकित बाल विकास सेवा अंतर्गत राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक पियूष पराग यादव ने बताया कि विभाग के द्वारा शुरू किए गए मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र का लाभ अब लोगों को बेहतर मिलने लगा है। रामपुर छपरा स्थित केंद्र संख्या 91 में 30 बच्चे नामांकित है और 16 महिलाओं को लाभ दिया जाता है। केंद्र के सभी लाभुकों की फाइल अपडेट रहती है। चाहे वो नामांकित बच्चे हो या फिर गर्भवती और प्रसूति महिलाएं। साथ ही, केंद्र पर विभाग के मानक के अनुसार सारी व्यवस्था बेहतर है। यह मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र जिले के बाकी केंद्र के लिए एक नजीर है।

Kunal Gupta
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