Saturday, November 30, 2024
Samastipur

घूमना है तो आइए ना बिहार में,सनातन से लेकर बौद्ध,जैन और सिख परंपरा सबके एक साथ हो जाएंगे दर्शन

 

Bihar Diwas 2023 : जहां की धरती में धर्म ने समृद्धि पाई. जहां भगवान महावीर के चरण पड़े, जहां गुरु गोविंद सिंह का गुरु ज्ञान मिला. जहां गौतम बुद्ध ज्ञान प्राप्त कर महात्मा बुद्ध बन गए हम आपको वह बिहार दिखाएंगे.  जो हिंदू, मुसलमान, सिख, जैन और बुद्ध धर्मों का केंद्र रहा है. जहां रामायण के रचियेता वाल्मिकी रहे. जहां गया में हिंदूओं का मुक्ति स्थल रहा है. जहां का मनेर और फुलवारीशरीफ मुसलमानों की आस्था का केंद्र रहा है. जहां राजगीर, वैशाली , बोध गया में बुद्ध के पदचिन्ह विराजते हैं. जहां पटना साहिब में गुरु गोविंद सिंह की गुरवाणी सुन लोगों का सबेरा होता है और जहां पावापुरी में भगवान महावीर की अनुभूति आपको अपने रंग में रंगने को काफी है आपको हम उस बिहार में आने का न्यौता दे रहे हैं.

यहां आपको कटिहार में त्रिमोहिनी संगम ले चलेंगे जहां तीन नदियां आकर मिलती है. जहां कोशी, गंगा और कलबलिया नदी आकर मिलती है. हम आपको पटना का गोलघर और तारामंडल दिखाएंगे. यहां से हम आपको पटना के पटन देवी मंदिर और पटना साहिब गुरुद्वारा भी ले चलेंगे. आप चाहें तो शिक्षा के केंद्र रहे भागलपुर के विक्रमशिला और नालंदा के नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर भी देख सकते हैं. भागलपुर का डॉल्फिन अभयारण्य तो आपका मन मोह लेगा. वहीं बिहार का काशी अगर एक जौ को बराबर जमीन कम नहीं पड़ी होती तो सच में आज काशी बिहार में होता ऐसे बटेश्वर स्थान के किनारे भागलपुर जिले में ले जाकर मां गंगा के दर्शन और पूजन भी कारएंगे.

हम आपको भागलपुर जिले में स्थित गंगा के किनारे वह सुल्तानगंज शहर भी दिखाएंगे जहां से सावन के महीने में आस्था के सैलाब को उमड़ता आप देख सकते हैं. जहां से करोड़ों कंवरिया जल लेकर बाब बैद्यनाथ को जल अर्पण करने नंगे पांव 100 से ज्यादा किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. जैन धर्म के लिए आस्था के बड़े केंद्र नालंदा जिले के पवापुरी भी जरूर आइएगा. यहां श्वेताम्बर जैन मंदिर, समोसरन मंदिर, दिग्म्बर जैन मंदिर और दादा गुरूदेव का मंदिर आपका मन मोह लेगा. फिर यहां का जलमंदिर भी तो है उसे भी आप जरूर देखें. यहां स राजगीर चलेंगे जहां जैन और बौद्ध दोनों धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी है. यहां से सीतामढ़ी जाना ना भूलें जहां मां सीता का जन्मस्थान है. बोधगया भी जाइएगा यहां भगवान बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था.

गया में तो हिंदुओं का सबसे बड़ा मोक्ष धाम है. यहां फल्गु नदी के किनारे आपको सालों भर लोग अपने पूर्वजों का तर्पण करते और भगवान से उनके लिए मोक्ष मांगते नजर आ जाएंगे. यहां से निकलकर वाल्मिकी राष्ट्रीय उद्यान चलेंगे. जहां बाघ, शेर, चीता, हिरण, मोर, बंदर आदि देखने को मिलेंगे. वहां से वैशाली की यात्रा करेंगे जो भगवान महावीर का जन्म स्थल है. यहां से आपको बक्सर में गुरु विश्वामित्र का आश्रम मिलेगा कहते हैं कि यहीं ताड़का राक्षसी का वध राम ने किया था. वहीं औरंगाबाद में स्थित पश्चिमाभिमुख देवार्क सूर्य मंदिर भी आपको ले चलेंगे. इनसे आपको अनुमान हो गया होगा कि बिहार का इतिहास और वर्तमान दोनों क्यों इतना समृद्ध है. ये तो अभी कुछ जगहें हैं बिहार तो ऐसे आस्था के केंद्रों के साथ पर्यटन के क्षेत्र से भरा पड़ा है तो एक बार आप बेझिझक बिहार आइए और इन्हें देखिए.

Kunal Gupta
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