Success Story:लकी ने आईपीएस अफसर बनकर पूरा किया पिता का सपना,परीक्षा में हासिल किया 246वां रैंक
Success Story: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। इसकी तैयारी में भी काफी लंबा समय लगता है। इसका सफर बहुत कठिन होता है क्योंकि बहुत कम लोग हैं जिन्हें एक बार में सफलता मिल पाती है। कई छात्रों को इसकी तैयारी में सालों लग जाते हैं। कई छात्र तो बीच में ही इसे छोड़ कर दूसरा रास्ता चुन लेते हैं लेकिन वहीं कुछ लोग बार-बार कोशिश करते हैं और आखिर में अपने मंजिल तक पहुंच जाते हैं।
इस खबर में भी हम आपको एक ऐसी आईपीएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने अथक प्रयास से इस कठिन परीक्षा को पास किया और अपने पिता के सपने को साकार किया।
सहायक कल्याण प्रशासन के पद पर थी कार्यरत
हम जिस आईपीएस अधिकारी के बारे में बात कर रहे हैं उनका नाम लकी चौहान है। यह उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर के खुर्जा गांव की रहने वाली हैं। इनके पिता रोहताश सिंह चौहान पेशे से प्रोपर्ट डीलर और मां सुमन लता शिक्षिका हैं। लकी ने अपनी 12वीं की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से पूरी की और इसके बाद इंग्लिश लिट्रेचर और इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। लकी ने अपना ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद सहायक कल्याण प्रशासन के पद पर काम किया। इसके बावजूद लकी ने यूपीएससी क्लीयर करने का सपना नहीं छोड़ा। नौकरी के साथ-साथ वह इस परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने मन में इस बात का निश्चय कर लिया था कि वह सिविल परीक्षा क्रैक करेंगी, जिसके लिए वो दिन-रात लगातार मेहनत करती थीं।
लकी ने हमेशा से एक अधिकारी बनने का सपना देखा था। दरअसल, इनके पिता हमेशा ही इन्हें अधिकारी बनने के लिए प्रेरित करते थे। जब भी लकी से उनके भविष्य के बारे में पूछा जाता था तो वे हमेशा अपने और अपने पिता के सपने को साकार करने की बात करती थी। लकी के पिता उन्हें एक कामयाब अफसर के रूप में देखना चाहते थे। इस बात को ध्यान में रखते हुए लकी ने बहुत पहले से ही इस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी ।
हासिल किया 246वां रैंक
इस परीक्षा को लेकर उनकी जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कोशिश करती रही। साल 2012 में उनकी मेहनत का परिणाम सामने आया। साल 2012 की सिविल परीक्षा पास करके लकी ने 246 रैंक हासिल किया। इससे लकी के परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई थी। परीक्षा पास करने के बाद लकी चौहान को गृह मंत्रालय की ओर से त्रिपुरा कैडर दिया गया था। वह त्रिपुरा में ही आईपीएस के रूप में सेवाएं दे रही हैं।