अब कुछ ही मिनटों में यहाँ से पहुंचेंगे बोधगया,30 किमी का सफर अब मात्र 9 का, जानिए कैसे
गया. गया में भगवान बुद्ध के कई सालों तक तप स्थली बनी ढूंगेश्वरी पहाड़ भी है. यहां भगवान बुद्ध की प्रतिमा के साथ ही हिन्दू देवी की प्रतिमा भी स्थापित है. इसलिए देश विदेश से आने वाले बौद्ध श्रद्धालु और पर्यटकों के साथ ही हिन्दू धर्मावलंबी भी इस स्थल पर जरूर आना चाहते हैं. पर दूरी रहने के कारण नहीं आ पाते थे. पर अब आसानी से यहां पहुंच सकेंगे वो भी मिनटों में.
बता दें की इन स्थलों को महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में महाबोधि महाविहार जाने से पहले दुंगेश्वरी में छह साल तक ध्यान किया था. जहां उन्होंने ज्ञान प्राप्त किया था.
बौद्ध महोत्सव के दौरान ढुंगेश्वरी प्रागबोधि से बोधगया महाबोधि मंदिर तक यात्रा निकाली जाती है. मान्यताओं के अनुसार भगवान बुद्ध जिस मार्ग से ज्ञानस्थली पहुंचकर बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर ज्ञान की प्राप्ति की थी. उसी मार्ग में प्रागबोधि से बोधगया मार्ग शामिल है. इसी कारण से इस रास्ते पर ज्ञान यात्रा और शांति मार्च निकाली जाती है. इस शांति और ज्ञान यात्रा में हजारों बौद्ध श्रद्धालु शामिल होते हैं. इस यात्रा के दौरान कई बौद्ध श्रद्धालुओं के द्वारा बौद्ध धर्म का मंत्रोच्चार करते हुए जाप करते हैं.
पुल नहीं रहने के कारण 30 की दूरी तय करनी पड़ती थी
पिछले वर्ष तक बौद्ध श्रद्धालुओं को ढुंगेश्वरी से बोधगया तक जाने वाली ज्ञान यात्रा में फल्गु नदी पर पुल नहीं होने से श्रद्धालुओं को परेशानियां उठानी पड़ती थी. लेकिन इस वर्ष बौद्ध महोत्सव के दिन बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के द्वारा ढूंगेश्वरी और बोधगया को जोड़ने वाली फल्गु नदी पर बने पुल का उद्घाटन किया.
1167.02 लाख रुपए की लागत से पुल के बन जाने के बाद अब बौद्ध श्रद्धालुओं के अलावा इस क्षेत्र के लोगों को बोधगया पहुंचने मे कुछ ही दूरी तय करनी पड़ेगी. इससे पहले वाहन से ढुंगेश्वरी से बोधगया पहुंचने में पर्यटकों को तकरीबन 30 किमी तय करनी पड़ती थी. लेकिन पुल के बनने से ढुंगेश्वरी से बोधगया की दूरी महज 9 किमी रह गई है.
30 किमी की दूरी मात्र 9 की रह गई
स्थानीय राजेंद्र प्रसाद बताते है पुल के बनने से काफी सहुलियत हुई है. पहले बोधगया पहुंचने के लिए भुसुंडा जाना पडता था वहां से बोधगया जाते थे तो 30 किमी सफर करना पडता था किराया भी अधिक लगता था लेकिन अब कुछ ही मिनटों मे बोधगया पहुंच जाते है. पुल के चालू होने के बाद बौद्ध श्रद्धालु इसी रास्ते से ढुंगेश्वरी से बोधगया आते जाते हैं.