Mahashivratri 2023: 50 सालों बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा विशेष संयोग, ज्योतिष ने बताया महत्व
बक्सर. इस बार महाशिवरात्रि पर्व 18 फरवरी दिन शनिवार को मनाया जाएगा. इसको लेकर जहां मंदिरों में तैयारी जोरों पर चल रही है. वहीं शिवभक्तों के मन में भी ये बाते भी चल रही है कि कैसे अपने आराध्य देव भोलेनाथ को पूजन कर खुश करें. इसपर विशेष जानकारी देने के लिए न्यूज 18 लोकल की टीम ने बक्सर के ज्योतिषाचार्य पंडित शम्भूनाथ पांडेय से बातचीत की. उन्होंने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजन और जलाभिषेक का विशेष महत्व है. क्योंकि 50 साल बाद शुभ संयोग बन रहा है.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष होने से भगवान शिव जल्द ही आपकी मनोकामना पूर्ण करते हैं. इसके साथ यह व्रत शनि दोष दूर करने में बहुत ही उत्तम माना गया है. महाशिवरात्रि पर जल में काले तिल डालकर शिवजी का अभिषेक करने से आपको शनि की महादशा से राहत मिलेगी.
पुत्र प्राप्ति की कामना के लिए रखा जाता है ‘शनि प्रदोष व्रत’
ज्योतिषाचार्य पंडित शम्भूनाथ पांडेय ने बताया कि महाशिवरात्रि का पावन दिन साधना करने के लिए उत्तम माना जाता है. साथ ही इस बार की महाशिवरात्रि बेहद खास भी मानी जा रही है. इस वर्ष महाशिवरात्रि पर शनि प्रदोष का होना धार्मिक दृष्टि से बहुत शुभ और मंगलकारी है. ‘शनि प्रदोष व्रत’ पुत्र प्राप्ति की कामना के साथ रखा जाता है. शास्त्रों के अनुसार अगर कोई भक्त विधि-विधान से महाशिवरात्रि के दिन व्रत करके विधि विधान से पूजा- पाठ कर लें, तो मन की हर इच्छा पूरी होती है. उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन चार प्रहर की पूजा की जाती है.
विद्यार्थियों को उत्तम फल देगा महाशिवरात्रि
ज्योतिषाचार्य पंडित शम्भूनाथ पांडेय ने बताया कि फाल्गुन माह का महाशिवरात्रि विद्यार्थियों के लिए उत्तम फल देगा. इसके लिए विद्यार्थी जीवन के व्यक्तियों को शनिवार को अहले सुबह ब्रह्ममुहूर्त में गंगा स्नान करके शिवालय में जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक करके भगवान शिव से अपनी इच्छा पूर्ति की कामना करेंगे, तो उनपर भगवान भोलेनाथ की कृपा होगी. वहीं जो युवा नौकरी की तलाश में भटक रहे है वे भी यदि सुबह उठकर नित्यक्रिया के बाद गंगा स्नान कर भगवान शिव पर दूध और बेलपत्र चढ़ाए तो उन्हें भी जल्द नौकरी मिल जाएगी.