दलसिंहसराय;दुनिया में सर्वोत्तम कृति है कविता,जीवन की आन बान शान है कविता:.सुनील चंपारणी।
दलसिंहसराय।अनुमण्डल के विद्यापतिनगर प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय मऊ शेरपुर में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया.स्वागत भाषण दलसिंहसराय स्थित शिक्षा विहार के निदेशक सह कवि सुशांत चंद्र मिश्र एवं स्वागत गान शिवानी संगम,सोनाक्षी,एवं आरती ने संयुक्त रूप से किया.
बेगूसराय से आए साहित्यकार मिन्टू कुमार झा की रचना लगता फागुन आया है,फिर बुढ़वा बौराया है,सुबह-सुबह बुढ़िया से फुसुर फुसुर बतिआया है जमकर तालियां बटोरी.वही सीताराम शेरपुरी की रचना चर्चा है गांव गांव यारों संसद में कांव कांव यारों की श्रोताओं ने जमकर प्रशंसा किया.
वही पश्चिम बंगाल से शिरकत किए विजय ईश्वर की पंक्ति पसरल छै अन्हार देश में,निशाचरक सरकार देश में वही पूसा विश्वविद्यालय से आए कवि डॉ.सुनील चंपारणी ने कहा कि इस दुनिया में सर्वोत्तम कृति है कविता,जीवन की आन बान शान है कविता श्रोताओं को भावविभोर कर दिया.डॉ.सच्चिदानंद पाठक की रचना “मुर्दा जड़य भाय नै जड़य जिलेबी के चुल्हा जड़य के चाही” कवयित्री प्रीति प्रियदर्शनी की रचना स्वाबलंबन की तपती रेगिस्तान में उम्मीद एक छांव है खूब वाहवाही लूटी.
मौके पर ईश्वर करूण,अमित मिश्रा,रमन चौधरी,सुमन कुमार मिश्र,सुवोध शेरपुरी,श्रीराम राय,संगीता चौरसिया, डा.एस.एन.झा,शिव कुमार सुमन,डॉ.प्रेमचंद्र मिश्र,ज्वाला सांध्य पुष्प,वशिष्ठ राय बशिष्ट,कुशेश्वर सिंह,अमिय कश्यप,सहित दर्जनों साहित्यकारों ने अपनी प्रस्तुति दिया.