Tuesday, November 19, 2024
Patna

आर्थिक विकास के मामले बिहार की गति देश से भी तेज, 64 सौ रुपये बढ़ी प्रति व्‍यक्ति आय

पटना: आर्थिक विकास के मामले में बिहार ने तमाम राज्यों के साथ ही देश को भी पीछे छोड़ दिया है। 2021-22 में देश की आर्थिक विकार दर जहां 8.68 प्रतिशत थी तो वहीं, बिहार में आर्थिक विकास की गति 10.98 प्रतिशत रही।

 

दो राज्यों ने आर्थिक विकास में बिहार से मामूली बढ़त ली है, जि‍समें आंध्र प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं। हालांकि, यह बढ़त दशमलव प्रतिशत में रही।

 

यही नहीं बिहार में सीमित संसाधनों के बाद भी प्रति व्यक्ति आय में भी बड़ा उछाल हासिल किया है। 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय में 64 सौ रुपये की वृद्धि के बाद प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 54,383 रुपये हो गई है।

 

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण

बिहार विधानसभा में सोमवार को वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। यह बिहार का 17वां आर्थिक सर्वेक्षण है। बाद में मंत्री ने प्रेस प्रतिनिधियों से बात की।

उन्होंने कहा सदन में आज पेश आर्थिक सर्वेक्षण में वित्तीय वर्ष 21-22 का लेखा-जोखा है। उन्होंने कहा कि इस सर्वेक्षण में उच्चतर आर्थिक विकास, बेहतर वित्तीय प्रबंधन और समाज में उसके प्रभाव के परिणामों का आंकलन किया गया है।

 

देश भर से जो आंकड़े सामने आए हैं उसके अनुसार, आर्थिक विकास के मामले में बिहार का देश में स्थान तीसरा है। पहले पायदान पर आंध्रप्रदेश है। जहां विकास दर 11.4 रही। दूसरे स्थान पर राजस्थान है जहां विकास दर 11.04 प्रतिशत रही।

‘बिहार का 77 प्रतिशत इलाका बाढ़ प्रभावित’

उन्होंने कहा बिहार की विकास दर 10.98 प्रतिशत की अपेक्षा यह मामूली बढ़त है। बिहार के लिए यह गौरव की बात है।

 

आंध्र प्रदेश के पास संसाधन भी ज्यादा है, उसके मुकाबले बिहार में संसाधनों की काफी कमी है। बिहार में जो नदियां हैं, प्रदेश को उसका दंश झेलना पड़ता है। बिहार का 77 प्रतिशत इलाका बाढ़ प्रभावित है।

 

हम जो भी आधारभूत संरचना विकसित करते हैं, वह अगली बाढ़ में बह जाती है। नदियों को बांधने में नेपाल से सहयोग न मिल पाने से समस्याओं का स्थायी निदान नहीं हो पा रहा है। नेपाल से भी बात केंद्र के माध्यम से होती है। बावजूद हम सीमित संसाधन में कारगर नीति और कुशल प्रबंधन से आगे बढ़ रहे हैं।

केंद्र का हिस्सा हम पर कोई कृपा नहीं

मंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के लिए केंद्र सरकार करों में जो हिस्सा देती है वह किसी की कृपा से नहीं। वह हमारा संवैधानिक अधिकार है, लेकिन वह भी समय पर नहीं मिलता है।

 

उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा जब से यह सरकार आई है, राज्यों की हिस्सेदारी हो रही है। जो मिलना है वह भी समय पर नहीं मिलता। केंद्रीय करों में 10 प्रतिशत की कमी कर दी गई है।

Kunal Gupta
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