Sunday, November 24, 2024
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अब पटना-जू की शोभा बढ़ाएंगे हुलक गिब्बन और ब्लैक पैंथर, जानिए कहां से आ रहे हैं

 पटना में स्थित संजय गांधी बॉयोलोजिक पार्क (पटना-जू) शहर वासियों के साथ पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा है. खास दिनों की बात छोड़िए आम दिनों में भी यहां बड़ी संख्या में लोग घूमने- फिरने और मनोरंजन करने आते हैं. पटना जू के आकर्षण में थोड़ी और वृद्धि होने वाली है. असम सरकार एक जिराफ के बदले हुलोक गिब्बन और ब्लैक पैंथर देने को तैयार हो गई है.

लंबे समय से था इंतजार

बिहार सरकार लंबे समय से हुलोक गिब्बन को पटना लाने के प्रयास में जुटी थी. सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने असम सरकार से इस विषय पर पत्राचार व टेलीफोन के माध्यम से बातचीत भी की थी. आखिरकार, असम से अदला- बदली की प्रक्रिया पूर्ण हो गई. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने बिहार और असम के बीच जानवरों की अदला बदली पर मुहर लगा दी है.

जू को मिलेंगे ब्लैक पैंथर, गिब्बन और एक मादा गैंडा

पटना चिड़ियाघर के एक मादा जिराफ के बदले असम सरकार द्वारा एक जोड़ा हुलोक गिब्बन, एक जोड़ा ब्लैक पैंथर और एक मादा गैंडा दिया जाएगा. बता दें कि पूंछ रहित हुलोक गिब्बन भारत में पाया जाने वाला एकमात्र वानर की प्रजाति है, इस विलुप्त प्राय जीव को International Union for Conservation of Nature (IUCN) ने रेड लिस्ट में रखा है. इसके लिए अलग से केज निर्माण भी किया जा रहा है. वहीं मादा गैंडा आने से गैंडों की संख्या बढ़ेगी. बताते चलें कि पटना जू में नर हाथी की भी आवश्कता है, फिलहाल यहां दो मादा हाथी माला और लक्ष्मी हैं.

जानिए अपने शहर के चिड़ियाघर को

पटना चिड़िया घर या संजय गांधी बॉयोलोजिक पार्क को 1973 में एक चिड़ियाघर के तौर पर खोला गया था. इसे जैविक उद्यान इसलिए कहते हैं. क्योंकि यह वनस्पति और जन्तु दोनों प्रकार का उद्यान है. पटना चिड़ियाघर की गिनती देश के बेहतरीन चिड़ियाघरों में होती है. यहां आपको देश-विदेश के पेड़- पौधे, पक्षियों, स्तनपायी, सरीसृप एवं मछलियों की भिन्न-भिन्न प्रकार की प्रजातियां देखने को मिलेंगी.

Kunal Gupta
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