कैसे बचेगी रुद्र की जान,दुर्लभ बीमारी से बचाने के लिए चाहिए 16 करोड़ का इंजेक्शन!
जमुई. जिले के बरहट प्रखंड के नुमर गांव का एक गरीब परिवार अपने दो साल के मासूम की जिंदगी बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है. इस गरीब किसान परिवार का लाडला दो साल का रूद्र स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप टू बीमारी से ग्रसित है. इस बीमारी के इलाज में रूद्र को दी जाने वाली वैक्सीन की कीमत 16 करोड़ बताई गई है. दरअसल, जन्म के साथ ही रुद्र की बिगड़ रही तबीयत के बाद घरवाले स्थानीय डॉक्टर से दिखवाने के बाद पटना और दिल्ली के एम्स तक पहुंच गए.
दिल्ली एम्स के न्यूरो विभाग ने डायग्नोसिस कर इस बच्चे में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप टू बीमारी से ग्रसित बताया है.रूद्र के परिवारवालों ने बताया कि दिल्ली एम्स के बाल तंत्रिका विभाग कि डॉक्टर शेफाली गुलाटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में यह पुष्टि की है कि रूद्र को मस्कुलर एट्रॉफी टाइप टू ने जकड़ रखा है. इससे बचाने के लिए एकमात्र इंजेक्शन जोलगेनअसमा की जरूरत है, जिसकी कीमत 16 करोड़ बताई गई है.
रुद्र के पिता पुरुषोत्तम सिंह ने बताया कि इकलौते बेटे के इलाज में अभी तक लगभग 2 लाख खर्च हो चुका है. दिल्ली एम्स में उसे उम्मीद जगी थी कि उसके इकलौते बेटे का इलाज हो जाएगा, लेकिन अब उसकी जिंदगी बचाने के लिए इतनी बड़ी रकम कहां से लाएं. उसके हिस्से में मात्र तीन कट्ठा जमीन है, घर- जमीन भी अगर बेच देता है तब भी उसके पास लाख रुपए किसी तरह हो सकते हैं.
रूद्र की मां सिंपी सिंह ने बताया कि बेटे की जान बचाने के लिए और उसका अंग सही से काम करे, इसलिए इंजेक्शन ही एकमात्र उपाय है. लेकिन उन लोगों के पास इतने पैसे नहीं है, दिन-ब-दिन रूद्र की तबीयत खराब होते जा रही है. बताया जा रहा है कि रूद्र जिस बीमारी से ग्रसित है उसमें धीरे-धीरे कमर के नीचे का अंग काम करना बंद कर देता है. जैसा रुद्र के साथ हो रहा है अब परिवार वाले सरकार के साथ-साथ लोगों से भी मदद और दुआ की मांग कर रहे हैं. रुद्र एक मामूली गरीब किसान परिवार से आता है, जिसके पिता पुरुषोत्तम सिंह एक बेरोजगार युवा है.