बेगूसराय में नहीं मिली एंबुलेंस तो ठेले पर शव रख अस्पताल पहुंचे परिजन
पटना : बेगूसराय में स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की संवेदनहीनता एक बार फिर सामने आ रही है. जिसमें की छोटे से पोखरी में डूबे हुए युवक के शव की तलाश में स्थानीय प्रशासन को 18 घंटे से भी अधिक लग गए. वहीं दूसरी तरफ शव बरामद होने के बाद ना तो सदर अस्पताल ले जाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा ही कोई व्यवस्था की गई और ना ही पोस्टमार्टम के बाद शव को पहुंचाने के लिए शव वाहन भी दिया गया. परिजन शव को ठेले पर रखकर अस्पताल पहुंचे.
क्या है पूरा मामला
नगर थाना क्षेत्र के गाछी टोला निवासी गोलू कुमार अपने दर्जनों साथियों के साथ रविवार की शाम मूर्ति विसर्जन के लिए नगर थाना क्षेत्र के ही पोखरिया स्थित बड़ी पोखर पहुंचा था. जहां मूर्ति विसर्जन के दौरान गोलू कुमार गहरे पानी में चला गया और डूब गया. जब तक उसके साथियों को कुछ पता चलता गोलू कुमार की डूबने से मौत हो चुकी थी, लेकिन उसका शव बरामद नहीं किया गया . परिजनों के द्वारा लगातार नगर थाने की पुलिस से शव बरामदगी की मांग की जाती रही एवं एसडीआरएफ की टीम को बुलाने की मांग की जाती रही, लेकिन प्रशासन की संवेदनहीनता यहां भी सामने आई है और लगभग 14 घंटे के बाद एसडीआरएफ की टीम को बुलाई गई.
शव ले जाने के लिए अस्पताल से नहीं मिली एंबुलेंस
तत्पश्चात काफी मशक्कत के बाद एसडीआरएफ की टीम ने शव को बरामद किया. शव बरामदगी के बाद भी ना तो जिला प्रशासन के द्वारा ना ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा शव को ले जाने की व्यवस्था की गई. थक हार कर परिजनों के द्वारा ठेला पर लादकर ही पोस्टमार्टम के लिए शव को सदर अस्पताल लाया गया. पुनः पोस्टमार्टम के बाद ठेला से ही उसके घर पर भेज दिया गया. इस दौरान लोगों ने एसपी ऑफिस के समक्ष धरना प्रदर्शन भी किया था और सड़क को भी जाम किया था. परिजनों के द्वारा नगर थाने की पुलिस पर पैसे मांगने का भी आरोप लगाया गया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के इस रवैया के बाद अब लोग पुलिस की संवेदन सिलता पर प्रश्नचिन्ह खड़े कर रहे हैं.
परिजनों ने प्रशासन पर लगाया आरोप
परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस के द्वारा कोई व्यवस्था शव को ले जाने के लिए नहीं की गई और ना ही पोस्टमार्टम होने के बाद भी शव को ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस की व्यवस्था की गई. बस ठेले पर ही शव को ले जाया गया.