कल तक लावारिस..अब विदेश में रहेगा:बेगूसराय के लावारिस धर्मराज को स्वीडन की बड़े बिजनेसमैन ने गोद लिया
बेगूसराय।
2 साल का धर्मराज। कल तक लावारिस। भविष्य की कोई उम्मीद नहीं, लेकिन अब सबकुछ बदल गया है। वह विदेश में रहकर पढ़ेगा। उसे गोद लिया है स्वीडन की दंपती ने। गोद लेने वाले पिता बिजनेसमैन हैं, जबकि मां लाइब्रेरियन हैं।
धर्मराज बेगूसराय के अनाथालय में रह रहा था। उसे नए साल पर नया परिवार मिला है। दो वर्षीय धर्मराज की परवरिश अब स्वीडन में होगी। इस नए साल में 2 दिनों के अंदर विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान बेगूसराय से 4 लावारिस बच्चों को नया घर मिला।
गोद लेने की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन तरीके से सम्पन्न हुई। इसके तहत गोद लेने वाले दंपती बेगूसराय पहुंचे जहां शनिवार को डीएम ऑफिस पर डीएम रोशन कुशवाहा के सामने बच्चों को गोद लिया है।
संजय डेनियल के गोद में मासूम।
आंध्र प्रदेश और स्वीडन के दंपती पहुंचे थे बेगूसराय
जनवरी माह में गोद लेने वालों में दो दंपती पटना, एक दंपती आंध्र प्रदेश और एक दंपती सात समंदर पार स्वीडन से बेगूसराय पहुंचे। इसी कड़ी में दो वर्षीय धर्मराज को विदेशी दंपती बिजनेसमैन संजय डेनियल और कैटरीना संजय ओल्सेन ने डीएम रोशन कुशवाहा के हाथों गोद लिया है। शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के एक दंपती ने 6 साल के साहिल और पटना के दो दंपती ने एक लड़की और एक दंपती ने एक लड़का को विधिवत गोद लिया ।
समाहरणालय परिसर में खिल उठा धर्मराज का चेहरा
जिला समाहरणालय परिसर में विदेशी जोड़े के द्वारा धर्मराज को गोद लेने की बात सुनकर उसे देखने के लिए काफी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए थे। धर्मराज को गोद लेने के बाद विदेशी जोड़ा भी काफी खुश नजर आए।
डीएम ऑफिस पहुंचे दंपती।
डीएम रोशन कुशवाहा और विशेष दत्तक ग्रहण केंद्र की प्रभारी श्रुति कुमारी ने मीडिया को बताया कि गोद लेने की प्रक्रिया को सरकार ने काफी सरल कर दिया है। विभाग के वेबसाइट पर ऑनलाइन प्रक्रिया कर बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए गोद दिया जाता है।
गोद देने के बाद भी प्रशासनिक स्तर से लगातार बच्चों की मॉनिटरिंग की जाती है। जिससे यह पता चल सके कि बच्चों की परवरिश सही से हो रही है या नहीं। गोद लेने वाले दंपतियों के लिए कई प्रकार के नियम कानून होते हैं जिस पर सही पाए जाने के बाद ही उन्हें गोद दिया जाता है।