सपनों की सवारी के लिए सालों से जुटा रहा था सिक्के, गुल्लक में जमा पैसों के बल पर मज़दूर ने खरीदी स्कूटी,हो गया वायरल
सपनों की सवारी के लिए सालों से जुटा रहा था।हर किसी के जीवन में कोई न कोई सपना जरूर होता है. जिसे पूरा करने के लिए वो सालों की मेहनत और जतन करते हैं. कुछ खुशकिस्मत अपने सपनों के करीब बहुत जल्द पहुंच जाते हैं. लेकिन मुफलिसी में जीवन बसर कर रहे कुछ लोगों के लिए छोटी से छोटी खुशियों को पाना बेहद मुश्किल और लंबा सफर तय करने वाला होता है. एक शख्स ऐसा ही था जिसका सपना था अपने दम पर स्कूटी खरीदने का. उस दुपहिया के लिए उसने सालों तक गुल्लक में सिक्के जुटाए थे और उनके बल पर सपनों की बाइक खरीदने में कामयाब रहा.
गुवाहाटी के एक गांव के रहने वाले शख्स ने अपने सपनों की स्कूटी खरीदने के लिए 2014 से गुल्लक में सिक्के इकट्ठा करना शुरू किया था. वो 1, 2, 5 और 10 रूपए के सिक्के इकट्ठा करता रहा और आखिरकार जब उन सिक्कों को निकालकर गिनना शुरू किया तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा. 1 रुपए से लेकर 10 रुपए तक के सिक्के इकट्ठा होकर 1,50,000 बन चुके थे. यानी अब वह अपनी दुपहिया खरीदने के करीब पहुंच गया था.
सालों से जुटाए सिक्कों से शख्स ने खरीदी ड्रीम बाइक
रॉय नाम के शख्स को जैसे ही एहसास हुआ कि अब उसके पास स्कूटी खरीदने जितनी रकम इकट्ठा हो गयी है वो उन्हें लेकर अपनी पत्नी के साथ शोरूम पहुंच गया. लेकिन जैसे ही वहां पर उसने सिक्कों का जखीरा सामने रखा. वहां का मैनेजर हैरान रह गया. हालांकि उसने शख्स के सपनों को टूटने नहीं दिया और तुरंत बैंक से इन सिक्कों को लेने संबंधी बातचीत शुरू कर दी. हालांकि बैंक ने इतनी बड़ी तादाद में सिक्कों को लेने से इनकार कर दिया, फिर भी शोरूम मैनेजर ने कोशिश जारी रखी और कुछ और दुकानदारों से बात कर सिक्के एक्सेप्ट करने का जुगाड़ कर ही लिया और फिर 90,000 में रॉय नाम के मजदूर की स्कूटी तय हो गई. हालांकि इसके लिए शो रूम के चार कर्मचारियों ने सिक्के गिनना शुरू किया जिसमें उन्हें करीब 2 घंटे का वक्त लगा बाद में शोरूम की ओर से रॉय को सम्मानित भी किया गया.
2014 से गुल्लक में सिक्के जुटा रहा था शख्स
सिक्कों के दम पर स्कूटी खरीदने वाले रॉय दिहाड़ी मजदूर है. उनके लिए तो दुपहिया भी सपना ही था. जिसके लिए उन्होंने इतने सालों तक ना सिर्फ इंतज़ार किया बल्कि बूंद बूंद से घड़ा भी भरा. सपनों की सवारी पाकर रॉय की खुशी सातवें आसमान पर थीं. आखिर में तो खुशी से उनके आंसू भी निकलने लगे उन्होंने कहा- ‘टू-व्हीलर खरीदना मेरा सपना था. इसके लिए मैंने 2014 से सिक्के जमा करना शुरू किया. आज सिक्कों को गिना तो पता चला कि टू-व्हीलर खरीदने लायक पैसे जमा हो गए. इसके बाद दुपहिया खरीदने निकल पड़ा. मैं बहुत खुश हूं कि टू-व्हीलर खरीदने का मेरा सपना आखिरकार पूरा हो गया.’