समस्तीपुर:नप कर्मी की मौत के मामले में गलत प्राथमिकी पर मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी से मांगा जवाब,हुआ था बबाल..
समस्तीपुर..नगर परिषद रोसड़ा के सफाई कर्मी राम सेवक राम की मौत मामले में गलत एफआईआर दर्ज करने की शिकायत के बाद बिहार मानवाधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से इस मामले में जबाव तलब किया है। आयोग की ओर से डीजीपी को भेजे अपने पत्र में मामले के संबंध में सभी तथ्यों के साथ रिपोर्ट की मांग की गई है। आयोग के निबंधक ने इसको लेकर डीजीपी को 13 फरवरी 2023 तक का समय दिया है। बताया जाता है कि समस्तीपुर के रोसड़ा नगर परिषद के सफाई कर्मी की मौत बीते वर्ष 5 नवंबर 2021 को इलाज के दौरान पीएमसीएच में हो गई थी। इससे पूर्व नगर परिषद के ईओ जयचंद अकेला से अपना बकाया पैसा मांगने के दौरान हुई झड़प के बाद वहां मौजूद कुछ लोगों के माध्यम से उसकी पिटाई कर उसे थाना के हवाले कर दिया गया था।
वहां राम सेवक की तबीयत बिगड़ने पर उसे पहले समस्तीपुर सदर अस्पताल, फिर डीएमसीएच दरभंगा व बाद में पटना पीएमसीएच रेफर किया गया। जहां उसकी मौत हो गई। इस मामले में अपर पुलिस महानिदेशक (कमजोर वर्ग) के निर्देश बाद घटना के 10 महीने बाद इस वर्ष 16 सितंबर 2022 को मृतक के पुत्र व पत्नी से पूछताछ बाद एफआईआर दर्ज की गई। इसको लेकर समाजसेवी रविन्द्रनाथ सिंह व मृतक के पुत्र दीपक कुमार के बयान के विपरीत गलत एफआईआर दर्ज करने की शिकायत के बाद मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में डीजीपी से जबाव तलब किया है।
10 माह बाद केस : अपर पुलिस महानिदेशक (कमजोर वर्ग) के आदेश पर 16 सितंबर 2022 को दर्ज कराई गई थी एफआईआर
मामला दबाने की कोशिश : पीड़ित का आरोप- डीएसपी ऑफिस में लिया गया बयान, पुलिस कह रही- घर जाकर लिया
गवाह विनोद बनवारी बोले- ऑफिस में ही डीएसपी अमित कुमार लिखवा रहे थे बयान
वहीं 16 सितंबर को मृतक के परिजनों के साथ गवाह के रूप में मौजूद ग्रामीण विनोद बनवारी शर्मा ने बताया कि थानाध्यक्ष के कहने पर बयान पर साइन कर दिया। हमने कई बार समाज के बीच बयान लेने की बात कही। वहां डीएसपी मुख्यालय अमित कुमार बयान लिखवा रहे थे, जिसे एससीएसटी थाना का कर्मी लिख रहा था। एसपी सर कार्यालय में बैठे थे। थानाध्यक्ष ने कहा कि एसपी सर ने बयान देख लिया है। हम पर एफआईआर करने का ऊपर से दबाव है आप यहीं साइन कर दीजिए। हमने बिना पढ़े ही साइन कर दिया। बयान पर साइन पीड़ित के घर पर नहीं कराया गया है। एफआईआर में यह बात गलत लिखी गई है।
मृतक के पुत्र ने कहा- रात में मुझे, मां व विनोद को डीएसपी कार्यालय लाया गया
मृतक के पुत्र दीपक कुमार राम ने बताया कि 16 सितंबर 2022 को घर पर दोपहर बाद पुलिस आई। फिर रात को मुझे, मेरी मां व पड़ोसी विनोद बनवारी शर्मा के साथ डीएसपी कार्यालय पर लाया गया। जहां मैंने ईओ जयचंद अकेला, वार्ड पार्षद रंजीत पंजीयार मोछू व कर्मी अमरनाथ कुमार के मेरे पिता के साथ मारपीट करने की बात कही। उसके बाद पुलिस ने बयान लिखकर मेरा, मेरी मां का हस्ताक्षर लिया। जबकि एफआईआर में मेरे घर पर बयान लेकर साइन लेने की बात गलत है। वहीं अधिकारी व अन्य कर्मी को बचाने के लिए किसी का नाम भी नहीं दिया गया है।
रोसड़ा में नगर सफाई कर्मी की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश आया था। जिसको लेकर इस वर्ष 16 सितंबर को रोसड़ा जाकर पीड़ितों को मामले की जानकारी के लिए मिलने बुलाया गया था। एफआईआर गलत दर्ज होने को लेकर मृतक के पुत्र व ग्रामीण की बातों की जांच कराई जाएगी।
हृदयकांत, एसपी, समस्तीपुर
रोसड़ा के सफाई कर्मी की मौत में पुलिस प्रशासन का पूरा महकमा ईओ, थानाध्यक्ष व मारपीट में शामिल लोगों को बचाने में लगा है। एसडीओ कार्यालय में रात में एसपी की मौजूदगी में बयान लेकर साइन लिया गया है। जबकि एफआईआर में घर पर जाकर बयान लेने की बात कहते हुए अज्ञात पर एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। मृतक के पुत्र व मेरी शिकायत पर मानवाधिकार ने डीजीपी से फरवरी तक इसकी रिपोर्ट मांगी है।
-रविन्द्रनाथ सिंह, पूर्व जिला सांसद प्रतिनिधि, समस्तीपुर, दरभंगा