Raskadam Recipe;दलसिंहसराय की रसकदम ऐसे बनता है, जो अपनी बेहतरीन स्वाद और मिठास से दिग्गज नेताओं को भी बना चुकी है मुरीद …
Raskadam Recipe;मिठाई।दलसिंहसराय,बेहतरीन स्वाद और मिठास। देश मे नाम विदेशों में भी पहचान। ये है समस्तीपुर के दलसिंहसराय की रसकदम। छेना के ऊपर खोए की मोटी परत और उसपर लिपटा पोस्ता दाने की परत इसकी खूबसूरती में चार चांद लगती ही है स्वाद को भी लाजबाब बनाती है। बंगाली मूल की इस मिठाई में बिहारी स्वाद जिले के दलसिंहसराय ने घोला है।
यह मिठाई शहर की कई दुकानों पर मिल जाएगी लेकिन चमन लाल की रसकदम की पहचान भी अलग है। अमेरिका के जर्ज वाशिंगटन से लेकर सेंट ल्युस तक इस मिठाई (Raskadam Recipe)के स्वाद के लोग दीवाने है। लॉ की पढ़ाई करने वाले निशांत चौधरी के साथ साथ सेंट ल्युस शहर में रह रही दलसिंहसराय शहर की बेटी अंकिता चमरिया जो अब अमेरिका की मूल निवासी है।
उनके पति आशीष चमरिया, पुत्री आरिसा चमरिया, पुत्र आरबी चमरिया के साथ अमेरिका के उनके दोस्त कैल्बीम डिसूजा रसकदम मिठाई के स्वाद के दीवाने है। जब कभी भी अंकिता अपने घर पिता सुनील केजरीवाल के घर आती है तो अमेरिका लौटने के समय रसकदम पैक कराकर के जाना नही भूलती।
वो बताती है अमेरिका में कई इंडियन रेस्टोरेंट में रसकदम के साथ साथ काजू बर्फी, छेना पाईस मिठाई बनती है। लेकिन स्वाद में काफी अंतर होता है।
बिहार के कई पूर्व मुख्यमंत्री से लेकर वर्तमान उप मुख्यमंत्री और मंत्री का पसंदीदा मिठाई है रसकदम
स्थानीय विधायक आलोक कुमार मेहता के बताते है कि हमे भी रसकदम (Raskadam Recipe)का स्वाद बहुत अच्छा लगता है । हर बार जब में आने विधानसभा क्षेत्र में आता हूं तो दलसिंहसराय का रसकदम जरूर खाता हूं। लेकिन रसकदम का स्वाद हमे ही नही पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का पसंदीदा मिठाई है।दलसिंहसराय शहर में रसकदम मिठाई के लिए प्रख्यात चमन लाल साह बताते है। रसकदम मिठाई उप मुख्यमंत्री शुशील कुमार मोदी से लेकर स्थानीय सांसद सह केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय को भी बहुत पसंद है। उनके स्थानीय कार्यकर्ता हमेशा रसकदम की मिठाई पैक कराकर ले जाते है।
देश ही नही विदेश तक पहचान के बावजूद कागजी पहचान दर्ज कराने में असफल है रसकदम
जिस तरह विभिन्न क्षेत्रों की कोई न कोई मिठाई की अपनी पहचान होती है। ठीक उसी तरह दलसिंहसराय में रसकदम (Raskadam Recipe)मिठाई की पहचान है। तिरुपति की लड्डू, धारवाड़ का पेड़ा और हैदराबाद का हलिम ने अपनी भौगोलिक पहचान कागज पर दर्ज करा चुकी है। लेकिन दलसिंहसराय की रसकदम स्थनीय लोगो की उदासीनता और प्रशसनिक दिलचस्पी के अभाव के कारण अपनी भौगोलिक पहचान कागज पर दर्ज कराने में असफल रही है।
रसकदम (Raskadam Recipe)
करीब सौ वर्ष पूर्व बंगाल से अपने मित्र से रसकदम मिठाई बनाने के गुर शिख कर दलसिंहसराय लौटे बाबा हलुआई ने सबसे पहले रसकदम मिठाई बनाने की शुरुआत किए। शहर में रसकदम (Raskadam Recipe)मिठाई के लिए प्रसिद्ध चमन लाल साह बताते है कि रसकदम हमारे पूर्वज बनाते थे आज हम भी बना रहे है।हाथ की गरिगरी के कारण मेरे हाथों से बनी रसकदम लोगो को ज्यादा अच्छा लगता है। मेरे दुकान में डिमांड पर मिठाई मिलता है। जिसजे लिए लोगो नंबर लगाकर मिठाई लेते हक।
ऐसे बनता है मिठाई (Raskadam Recipe)
चमन लाल साह बताते है कि रसकदम बनाने के लिए सबसे पहले छैना बनाया जाता है।
कॉर्न फ्लोर और पीला रंग डालने के बाद कुकर में चीनी और 2 कप पानी डालकर उबलने के लिए रख दीजिए, चीनी को पानी में घुलने तक पका लीजिये, चाशनी में केसर के धागे डाल दीजिये और चाशनी में उबाल आने दीजिये।
पास्ता दाना को भून लीजिए।दाना ड्राई होकर हल्का ब्राउन हो जाए तो मावा में पाउडर चीनी डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लीजिए।अब मावा से लड्डू के आकार के लगभग 11 छोटे-छोटे गोले तोड़ लीजिए।एक गोले को उठा कर इसको चपटा करके बढा़ थोड़ा बड़ा कर लीजिये।
फिर इसमें एक रसगुल्ला रखकर चारों ओर खोया से बंद करके गोल लड्डू का आकार दे दीजिए। इस गोले को भूने पोश्ता दाने में लपेट दी जीए । अब इसे आप खाने में उपयोग किजिए।
हलाकि अब चमन लाल साह इस दुनिया मे नही उनके पुत्रो द्वारा रसकदम तैयार की जाती जिसमे स्वाद ऐसा ही मिलती है।