महाराष्ट्र व तमिलनाडु के तर्ज पर गया में विकसित होगा टेक्सटाइल पार्क, लगायी जाएंगी 435 यूनिट..
पटना।
गया जिले के मानपुर के शादीपुर बालू घाट के समीप महाराष्ट्र व तमिलनाडु के तर्ज पर टेक्सटाइल पार्क विकसित किया जाएगा. इस पार्क के बनने के बाद फल्गु नदी को प्रदूषणमुक्त रखने व लोगों को रोजगार के लिए सुनहरा अवसर मिलेगा. फिलहाल कपड़ा रंगाई का रंगीन पानी नदी में ही गिराया जाता है. इसको लेकर कई बार शिकायत की गयी है. बुधवार को डीएम डॉ त्यागराजन एसएम टेक्सटाइल पार्क की जमीन को देखने पहुंचे थे. जहां उन्होंने सीओ को पार्क के लिए चिह्नित लगभग 23 एकड़ जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया.
डीएम ने कहा कि तमिलनाडु व महाराष्ट्र के तर्ज पर गया के मानपुर स्थित शादीपुर पंचायत में चिह्नित जमीन को विकसित किया जायेगा. इस पार्क निर्माण में अत्याधुनिक 435 यूनिट लगाने का योजना बनायी जा रही है. इसमें कोट, पेंट सहित नये प्रकार के अत्याधुनिक कपड़ों का निर्माण किया जायेगा. टेक्सटाइल पार्क निर्माण होने से लोकल स्तर के साथ-साथ जिला स्तर पर अधिक संख्या में रोजगार मिलेगा. यह क्षेत्र भविष्य में काफी विकसित हो जायेगा.
डीएम ने अध्यक्ष बुनकर सेवा समिति को कहा कि विभिन्न बैंकों के साथ बैठक कर वस्त्र उद्योग व अत्याधुनिक मशीन खरीदने के लिए ऋण वितरण में सहयोग देने को लेकर हर संभव प्रयास किये जायेंगे. वर्तमान में उक्त शादीपुर बालू घाट के समीप चिह्नित जमीन में अवैध अतिक्रमण को हटवाने का सख्त निर्देश मानपुर सीओ को डीएम ने दिया.
डीएम ने कहा कि अच्छे तरीके से उस जमीन को सर्वे कराएं तथा एक माह के अंदर सर्वे पूर्ण करते हुए अतिक्रमणवाद चलाकर अवैध अतिक्रमण को मुक्त कराएं. पर्चा धारी व्यक्तियों को किसी अन्य दूसरे स्थान पर शिफ्ट करा दें. डीएम ने कहा कि सीओ व थानाध्यक्ष यह ध्यान रखें कि किसी भी स्थिति में अब इस स्थान पर एक भी नया कोई अवैध निर्माण कार्य नहीं हो. यह सुनिश्चित कराएं, साथ ही दो चौकीदार की प्रतिनियुक्ति इस स्थान पर करें.
डीएम ने कपड़ा बुनने की मशीन भी देखी
डीएम ने मानपुर के पटवाटोली में बुनकरों के बीच पहुंच कर कपड़ा के बुनाई के काम को बारीकी से देखा. बुनकरों के बीच मशीनों का भी जायजा लिया. उद्योगों को किस तरह बढ़ावा दिया जाये, इसके लिए विस्तार से बुनकरों के साथ विचार-विमर्श किया. कपड़ा बुनाई के हो रहे कार्य को देखकर उन्होंने काफी खुशी जाहिर किया. कपड़ा बुनाई के सभी प्रोसेस का भी जायजा लिया. लगभग कपड़ा बुनाई में आठ से 10 अलग अलग प्रोसेस है, उन सभी को घूम घूम कर उन्होंने देखा.
टैक्सटाइल पार्क के बारे में जानकारी लेने पर अध्यक्ष वस्त्र उद्योग बुनकर सेवा समिति प्रेम नारायण पटवा ने बताया कि वर्तमान समय में पटवाटोली में अपने घरों में 980 यूनिट, जो लगभग 12500 पावर लूम मशीन से कपड़ा बुनाई का काम कर रहे हैं. इसमें लगभग 30 से 35 हजार कामगार व श्रमिक काम करते हैं. इसके अलावा इसमें लगभग 50 प्रतिशत महिला कामगार हैं. वर्तमान में साधारण कपड़े बनाने का काम किया जा रहा है.
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