Saturday, October 26, 2024
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जिस विषय से सब कतराते हैं उसमें सीवान की इस बेटी ने किया कमाल,किया गया सम्मानित.

सीवान. सीवान की धरती मेधावी प्रतिभागियों से सदैव उर्वर रही है. यहां के छात्र-छात्राएं सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी काबिलियत का लोहा मनवा कर न सिर्फ मुकाम हासिल कर रहे हैं, बल्कि सीवान सहित बिहार का नाम रोशन करते आ रहे हैं. इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है. सीवान की बेटी आयुषी ने श्रीनिवास रामानुजन टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिक्स- 2022 में विजयी होकर जिले का मान बढ़ाया है. रामानुजम टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिक्स में विजयी होने पर शिक्षा मंत्री और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

 

पूरे सीवान जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर नाम किया रोशन

 

 

बता दें कि बिहार काउंसलिंग ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी तारामंडल पटना द्वारा आयोजित राष्ट्रीय गणित दिवस-2022 के अंतर्गत श्रीनिवास रामानुजन टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिक्स-2022 में सीवान की प्रतिभाओं ने अपनी प्रतिभा की छाप छोड़ी है. जिले के रघुनाथपुर प्रखंड के हरनाथपुर गांव निवासी विजेंद्र सिंह की पुत्री आयुषी कुमारी ने इस प्रतियोगिता में पूरे जिले में प्रथम स्थान प्राप्त कर नाम रोशन किया है. जिससे घर वालों के साथ ग्रामीणों में खुशी का माहौल है.

 

 

शिक्षा मंत्री और विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री ने किया सम्मानित

 

सीवान जिले में प्रथम स्थान मिलने पर आयुषी को पटना के ज्ञान भवन में शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर और विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने प्रमाण पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया. मंत्रियों के द्वारा सम्मानित करने तथा विजयी होने पर घरवालों में हर्ष का माहौल है. घर वालों ने मिठाई खिलाकर आयुषी का मुंह मीठा कराया.

 

आयुषी बचपन से ही रही है मेधावी

 

सीवान जिले के रघुनाथपुर के पूर्व प्रमुख विनोद कुमार सिंह ने कहा कि आयुषी बचपन से ही मेधावी रही है और वह अपने अभिभावकों व शिक्षकों के मार्गदर्शन में भविष्य की राह संवारने की ओर अग्रसर हो रही है. वह केपीएस केंद्रीय विद्यालय कमला नगर बरहनी की छात्रा है. वे काफी हुनरमंद है और उम्मीद है कि आने वाले समय में वह बेहतर मुकाम हासिल कर गांव सहित जिला और बिहार का नाम रोशन करेगी.

 

 

अभिभावकों और शिक्षकों ने किया प्रेरित

 

आयुषी ने बताया कि बड़े पैमाने पर टैलेंट सर्च प्रतियोगिता आयोजित की गई थी.आरंभ में तो इसे गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब प्रतियोगिता का दायरा देखा तो उस उत्सुकता बढ़ी. अभिभावकों व शिक्षकों ने प्रतियोगिता में सम्मिलित होने के लिए प्रेरित किया. आज उसी का परिणाम है कि मेरी मेधा को सम्मान मिला है.

Kunal Gupta
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