Monday, November 25, 2024
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भागलपुर की ‘मैरी कॉम’ बनीं पूजा, खेलेंगी नेशनल बॉक्सिंग, शादी के बाद मुक्केबाजी की राह नहीं थी आसान..

 

आरफीन, भागलपुर: भारतीय महिला मुक्केबाज मैरी कॉम मणिपुर के एक गांव के गरीब परिवार में पली-बढ़ीं. भागलपुर की पूजा का भी नाथगनर के सूजापुर निवासी प्राइवेट मुंशी पिता के घर लालन पालन हुआ. मैरी कॉम शादी और जुड़वां बच्चे होने के बाद भी हार न मानते हुए दुनिया भर के मुक्केबाजों को धूल चटाती रहीं. भागलपुर की पूजा पर भी शादी और एक बच्चे के जन्म के बाद भी मुक्केबाजी का धुन सवार रहा. अब उनका चयन राष्ट्रीय मुकाबले के लिए हुआ है. मैरी कॉम के अंदर मुक्केबाजी का जुनून लड़कों को मुक्केबाजी करते देख कर हुआ. पूजा मैरी कॉम को देख कर आगे बढ़ीं.

शादी के बाद वापसी करना नहीं था आसान
भोपाल में 19 से 26 दिसंबर तक होनेवाले नेशनल एलिट महिला बॉक्सिंग प्रतियोगिता के लिए बिहार से पूजा सहित अन्य महिला खिलाड़ी का चयन हुआ. पूजा राय प्रतिदिन सुबह व शाम मिलाकर चार घंटे बॉक्सिंग रिंग में अभ्यास कर पसीना बहा रही हैं. पूजा ने बताया कि शादी के कुछ साल बाद बॉक्सिंग खेल में वापसी करना इतना आसान नहीं था. घर का कामकाज, बच्चे व पति को देखते हुए अभ्यास शुरू किया.

2010 से स्कूली स्तर पर बॉक्सिंग खेल से जुड़ी
बॉक्सर पूजा राय ने बताया कि 2010 से स्कूली स्तर पर बॉक्सिंग खेल से जुड़ी. एसएसआर बालिका उच्च विद्यालय की तरफ से जिला स्तर पर बॉक्सिंग प्रतियोगिता खेलने का मौका मिला. इसी वर्ष सब जूनियर नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता खेलने के लिए बिहार टीम की ओर से चेन्नई गयी. यहां कांस्य पदक जीता. 2011 में तमिलनाडू में नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में बिहार टीम से खेलने का माैका मिला. दमदार प्रदर्शन के लिए बिहार सरकार ने खेल सम्मान से सम्मानित किया.

पिता-मां के बाद पति से भी मिल रहा सहयोग
पूजा ने बताया कि बॉक्सिंग खेल में आगे बढ़ाने के लिए पिता राजेंद्र प्रसाद राय व मां अंजनी देवी का काफी सहयोग मिला. शादी के बाद बूढ़ानाथ बमकाली निवासी पति राजीव कुमार राय ने आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

शादी के कुछ साल बाद फिर से उतरी बॉक्सिंग रिंग में
पूजा ने बताया कि शादी के कुछ साल बाद ही बॉक्सिंग रिंग में अभ्यास के लिए उतर गयी. कुछ साल बॉक्सिंग खेल से दूर जरूर रही, लेकिन बच्चों को बॉक्सिंग खेल की बेसिक चीजों की कोचिंग देती रही.

मैरी कॉम को देख दूसरी पारी शुरू करने की प्ररेणा मिली
मैरी कॉम को अपनी प्रेरणा बताते हुए पूजा ने बताया कि उनको खेलते देख अंदर ही अंदर ठान लिया कि दूसरी पारी की शुरुआत करेगी. इसके बाद से ही जिला स्कूल बॉक्सिंग कोचिंग सेंटर में सुबह-शाम अभ्यास करना शुरू किया. इसके बाद पीछे मुड़ कर नहीं देखा. नतीजतन वर्ष 2021 हरियाणा में आयोजित नेशनल महिला एलिट नेशनल बॉक्सिंग प्रतियोगिता में बिहार की तरफ से खेलने का मौका मिला.

ओलिंपिक में खेलने का है लक्ष्य
पूजा ने बताया कि उनका लक्ष्य है देश के लिए ओलिंपिक गेम्स में खेलना. देश के लिए पदक जीतना. साथ ही नेशनल स्तर के एनआइएस कोच बन कर बिहार में बॉक्सिंग खेल को आगे बढ़ाना. युवाओं को बॉक्सिंग खेल के लिए प्रमोट करना.

पूजा में ऊर्जा की कमी नहीं : कोच
बॉक्सिंग कोच अमित कुमार ने बताया कि पूजा में खेल को लेकर काफी ऊर्जा है. उसके अंदर बॉक्सिंग खेल के प्रति जुनून है. प्रतिदिन पूजा सुबह व शाम में जिला स्कूल स्थित बॉक्सिंग कोचिंग सेंटर में काफी देर तक अभ्यास करती है.

Prabhat Khabar

Kunal Gupta
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