समस्तीपुर का एक्यूआई लेवल 400 जाना गंभीर स्थिति,वायु प्रदूषण रोकने के लिए इमरजेंसी रिस्पांस एक्शन प्लान लागू हो
समस्तीपुर.डॉ. राजेद्र प्रसाद कृषि विवि पूसा के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अब्दुस सत्तार ने कहा कि शहर में एक्यूआई 400 से अधिक होना गंभीर स्थिति है। ऐसी स्थिति में वायु प्रदूषण कम करने के लिए इमरजेंसी रिस्पांस एक्शन प्लान लागू करना चाहिए। इसके बाद ही यहां की वायु शुद्ध हो सकती है। हरियाली को बढ़ावा देने के साथ ही यहां चलने वाले वाहनों के प्रदूषण की समय-समय पर जांच होनी चाहिए। आज सड़क पर देखें तो अनगिनत धुआं फेंकती गाड़ियां नजर आ जाएंगी। ये हवा में जहर फैलाती है। खुले में कचरा फेंका जाता है फिर उसे जलाया जाता है। कचरा जलाने से निकलने वाले खतरनाक गैस हमारे लिए प्राणघातक हैं। सदर अस्पताल अस्पताल के डीएस डॉ. गिरीश कुमार कहते हैं कि प्रदूषित वायु के छोटे-छोटे हानिकारक तत्व किडनी के मरीजों की तकलीफ को बढ़ाएंगे। वहीं बुजुर्गों व बच्चों के रोग प्रतिराेधी क्षमता कम होने से उनमें सांस व त्वचा की एलर्जी बढ़ेगी। साथ ही हवा के अधिक प्रदूषित होने से सांस व एलर्जी संबंधी बीमारियों की संख्या बढ़ेगी। खासकर दमा, साइनस, बीपी के मरीजों की समस्या बढ़ेगी। मालूम हो कि 15 माह पूर्व सितंबर 2021 में शहर का एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स मापने के लिए कलेक्ट्रेट परिसर में इसकी मशीन इंस्टॉल की गई थी। उसके बाद से शहर में हवा के प्रदूषण की सही मात्रा की जानकारी सामने आई। 13 दिसंबर को भी 436 एक्यूआई रिकाॅर्ड हुआ। जबकि अमूमन शहर का एक्यूआई 300-400 के बीच रह रहा है।
गाड़ियों के फिटनेस की चेकिंग नहीं, जाम से बढ़ता है दबाव
बताया गया कि शहर में गाड़ियों के फिटनेस की चेकिंग नहीं होने व हर जगह अतिक्रमण के कारण शहर में मौजूद जाम व अवैध वाहन पार्किंग से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। शहर में चल रहे हजारों ऑटो की फिटनेस की चेकिंग नहीं होती। इससे वायु प्रदूषण बढ़ रहा है।
मथुरापुर में सड़क निर्माण में उड़ रही धूल, पानी का नहीं हाे रहा छिड़काव
बताया जाता है कि मथुरापुर में सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। जहां डीएम के निर्देश के बावजूद जल का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। जिससे गाड़ियों के परिचालन से उड़ने वाली धूल से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। वहीं नगर प्रशासन की ओर से केवल जिला मुख्यालय की मुख्य सड़कों पर जल का छिड़काव किया जा रहा है। सड़क के किनारे छिड़काव नहीं करने से वहां धूल में कमी नहीं आ रही है। सड़क पर यही परेशान कर रही है।