विद्यापति राजकीय महोत्सव 2022 के दूसरे दिन कवि सम्मेलन में कवियों की कविता पर खूब बजी तालियां..
दलसिंहसराय।विद्यापतिनगर। विद्यापति राजकीय महोत्सव के दूसरे दिन विद्यापतिधाम में आयोजित कवि सम्मेलन में सोमवार को कवियों ने अपनी कविता से उपस्थित दीर्घा में बैठे श्रोताओं के मन को मोह लिया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता गणेश गिरी कवि ने की जबकि संचालन सीताराम शेरपुरी ने किया।
कवि सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन एसडीओ प्रियंका कुमारी,वीडियो प्रकृति नयनम,अंचलाधिकारी अजय कुमार विद्यापति परिषद के अध्यक्ष गणेश गिरी कवि ने विद्यापति के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। वही अंत मे पहुचे डीएम ने सभी कवियो को सम्मानित किया।
इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन में बेगूसराय जिले के मंसूरचक के पत्रकार व कवि मिन्टू कुमार झा कि कविता रब को भी ऊपर देखों अपने भीतर डर देखों,मंदिर में है बैठा रब,मत उसको पत्थर देखों की श्रोताओं ने जमकर प्रशंसा किया।
दलसिंहसराय की कवयित्री प्रीति प्रियदर्शनी की कविता शिशिर कै शुरुआत भेल, वर्षा अब उमद दरार भेल, बारिश के बूंद देख हमर लेखनी आय कविराज भेल पर खूब तालियां बटोरी। साहित्यकार सुरेश शेनोय कि कविता सर्द मौसम की ये गर्मियां ठीक है,ए मेरे दिल ये नजदीकियां ठीक है पर तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा परिसर गूंज गया। सीताराम शेरपुरी की रचना जहां माली काटे शांख छांव का क्या होगा,जहां चोर उचक्के मुखिया हो सरपंच गांव का क्या होगा,खूब तालियां बटोरी।
साहित्यकार आलोक रंजन ने सुनाया अहां छी शान मिथिला के, अहीं पहचान मिथिला के,अहां के की करू वर्णन अहीं अभियान मिथिला के लोगों ने खूब सराहना किया। शैलेंद्र शर्मा त्यागी,कुशेश्वर प्रसाद सिंह, रंजना अंगवानी, वैष्णवी कुमारी, दिनेश प्रसाद, अरूण मालपुरी, ईश्वर करूण, उमेश कुंवर कवि, सत्संग भारद्वाज, विनोद समीर, गगनदेव चौधरी,आदि कवियों ने कविता पाठ किया। मौके पर चतुरानंद गिरी, शंकर गिरी, देवनारायण गिरी,पंचानन गिरी, कैलाश पासवान,आदि उपस्थित थे।