विद्यापति राजकीय महोत्सव का शुभारंभ,मंत्री विजय चौधरी बोले विद्यापति ने पूरे विश्व में मिथिलांचल का मान बढाया..
विद्यापति राजकीय महोत्सव।समस्तीपुर (विद्यापतिनगर),। महाकवि विद्यापति भक्ति साहित्य के प्रमुख स्तंभ थे। भक्ति भाव के अधिष्ठाता और भक्ति परंपरा के आधार स्तंभ महाकवि विद्यापति की रचनाएं आज भी प्रासंगिक है। महाकवि की भक्ति गीत आज भी लोक कंठ में जीवंत है। भक्तिभाव की पराकाष्ठा से समाहृत रचनाओं के जरिए महाकवि ने धार्मिक और सांस्कृतिक चेतना का अलख जगा पूरे विश्व में मिथिलांचल का मान बढाया है। उक्त बातें विद्यापति राजकीय महोत्सव का शुभारंभ करते हुए बिहार सरकार में वित्त, वाणिज्य कर व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कही। विद्यापतिधाम उगना महादेव मंदिर के पार्श्व स्थित विद्यापतिधाम रेलवे मैदान में आयोजित उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि पिछले 40 वर्षों से विद्यापति समारोह से जुड़ा रहा हूं। उन्होंने विद्यापति परिषद के अध्यक्ष गणेश गिरि कवि को विशेष रूप से साधुवाद दिया।
Vidyapati Rajkiya Mahotsav.
सामाजिक चेतना के प्रतीक थे महाकवि विद्यापति
मंत्री ने कहा कि महाकवि विद्यापति सामाजिक चेतना के प्रतीक थे। मंत्री ने कहा कि मिथिला के लोगों को देसिल बयना सब जन मिट्ठा का सूत्र देकर देश के विभिन्न हिस्सों में लोकभाषा की जनचेतना को जीवित करने का महान प्रयास किया। कहा कि भक्त व भगवान की नगरी से संबंधित किवदंतियों, विशेषताओं और विद्यापति जी की रचनाओं को आत्मसात करने की आवश्यकता है। विद्यापति जी की इस महाप्रयाण धरती पर स्वयं भोलेनाथ प्रस्फुटित होकर इस धरती को धन्य-धान्य कर दिया। अपना प्राण विद्यापतिनगर की पवित्र धरती पर त्याग कर इस धरती को धन्य कर दिया। उन्होंने राजकीय महोत्सव की दर्जा देने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विशेष रूप से साधुवाद दिया। मंत्री ने कहा कि विद्यापति जी की रचनाएं सामाजिक जीवन से जुड़ी है। वे सांस्कृतिक चेतना व सामाजिक एकता के महाकवि थे। श्रृंगार रस के माध्यम से महाकवि समाज में एकता कायम करने की संदेश दिया है। तीन दिवसीय महोत्सव में चर्चित कई कलाकार का आगमन हुआ है। विद्यापति महोत्सव के मंच से कला की प्रस्तुति देना ही महत्वपूर्ण है। यह कार्यक्रम विद्यापतिनगर की शोभा बढ़ा रहा है। उन्होंने महोत्सव के कार्यक्रम को लेकर जिला प्रशासन व कला संस्कृति युवा विभाग को धन्यवाद दिया। स्वागत भाषण एसडीओ प्रियंका कुमारी ने किया। कार्यक्रम की सफलता को ले उन्होंने आगत अतिथियों और उपस्थित जनसमूह के प्रति जिला प्रशासन की ओर से अपनी कृतज्ञता जतायी।
विद्यापति परिषद अध्यक्ष गणेश गिरि कवि ने महाकवि विद्यापति से जुड़ी विभिन्न किवदंतियों का जीवंत चित्रण कर इतिहास बोध कराया। इससे पूर्व गणमान्य अतिथियों ने महाकवि के तैलचित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। स्वागत गान विद्यापति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मऊ बाजिदपुर दक्षिण की छात्राओं नंदनी कुमारी, रौनक प्रवीण, ज्योति कुमारी, गौरी कुमारी व दीपाली जानवी द्वारा प्रस्तुत किया गया। मौके पर विस उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, पूर्व मंत्री डा. मदन मोहन झा, विधान परिषद सदस्य तरुण कुमार , विधायक रणविजय साहू, जिप अध्यक्ष खुशबू कुमारी, पूर्व विधायक रामचंद्र निषाद, जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक हृदय कांत, एसडीओ प्रियंका कुमारी, डीएसपी दिनेश कुमार पांडे, बीडीओ प्रकृति नयनम, सीओ अजय कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।
शंख व डमरू के ध्वनियों से गूंजायमान हुआ विद्यापति महोत्सव
परंपरागत वाद्य यंत्रों में शामिल शंख व डमरू की ध्वनि से विद्यापति राजकीय महोत्सव का पूरा पंडाल गूंज उठा। श्रद्धालुओं के हृदय तक उसकी अनुगूंज उतरती चली गयी। युद्ध के उदघोष व शांति की संकेत का प्रतीक रही शंख ध्वनि राजकीय महोत्सव के मंच से बजी। मिथिलांचल के वरिष्ठ व देश के चर्चित कलाकार डॉ.बिपीन मिश्रा एवं उनके साथी कलाकारों ने सूर व ताल की ऐसी संगति की की श्रोताओं के मन व मस्तिष्क में जीवंतता का चित्रण संप्रेषित हुआ। कई रागों पर आधारित तानपुरा, नक्कारा, छाल, मृदंग की थाप पर शास्त्रीय संगीत एहन सुुंदर मिथिला धाम दूल्हा दुल्हिन सीता राम की ऐसी प्रस्तुति हुई कि इसके आगोश में श्रोता डूबते चले गये। डा. मिश्रा ने डमरू बजाकर शिव के तांडव की प्रस्तुति की। शंख वादक मिश्रा ने कहा कि वैदिक काल से आज तक शंख बजाने की परंपरा आस्था का प्रतीक रही है। आधुनिक युग के विज्ञान ने भी स्वास्थ्य, पर्यावरण व सामाजिक संतुलन में शंख का उपयोग उपयुक्त माना गया हैं। शंख वादक की प्रस्तुति महोत्सव में आकर्षण का केंद्र बना रहा। इसकी चर्चा प्रखंड क्षेत्र में चहुंओर होती रही।